बेंगलूरु. प्रसिद्ध साहित्यकार और तर्कवादी डॉ. एमएम कलबुर्गी की हत्या के मामले में सीआइडी के विशेष जांच दल (एसआइटी) ने शनिवार को छह आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल कर दिया। एसआइटी के पुलिस उपायुक्त एमएन अनुचेत ने शनिवार को एसआइटी के विशेष न्यायालय (सिटी सिविल कोर्ट) में दाखिल आरोप पत्र में पुणे के अमोल काळे (३७), हुब्बल्ली के गणेश मिस्कीन (२७), बेलगावी के प्रवीण प्रकाश चतुर (२६), महाराष्ट्र के जलगांव जिले के वासुदेव भगवान सूर्यवंशी (२९), औरंगाबाद के शरद कालस्कर (२५) और हुब्बल्ली के अमित रामचंद्र बड्डी (२७) को आरोपी बनाया है।सभी को एक संगठन का सक्रिय सदस्य बताया गया है, जो उनके संगठन की विचारधारा का विरोध करने वालों को निशाना बनाते थे। आरोप पत्र में बताया गया कि ९ जून २०१४ को डॉ. कलबुर्गी ने विज्ञान भवन में एक कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. यूआर अनंतमूर्ति की लिखी पुस्तक के कुछ पैराग्राफ पर रोशनी डाली थी। इसके अलावा धर्म विशेष पर भी कुछ टिप्पणी की थी। इसी कारण उनकी हत्या का षड्यंत्र रचा गया। ३० अगस्त २०१५ को कलबुर्गी की उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। अमोल काळे मास्टर माइंड अमोल काळे ने गणेश और प्रवीण चतुर को दक्षिण कन्नड़ के पिलाताबेट्टू के बागान में प्रशिक्षण दिया था। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा १२० (बी), ३०२, ४४९, १०९, २०१ सहपठित ३५ और शस्त्र अधिनियम २५ (१ए-१बी) और २७(१) के तहत मामला दर्ज किया है। सामाजिककार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड में गिरफ्तार कुछ आरोपियों से मिली जानकारियों के आधार पर अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गणेश मिस्कीन और अमोल काळे पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में भी शामिल थे।