तपस्या में आत्मशक्ति के साथ गुरु शक्ति परम सहयोगी बनती है। चातुर्मास का समय आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्ति करने का समय है। हर श्रावक तप-जप एवं विविध आध्यात्मिक आराधना में शक्ति का नियोजन करें। इस अवसर पर साध्वी ने भिक्षु कोटी जप करने की प्रेरणा दी। कई श्रध्दालुओं ने इस अनुष्ठान में नाम दर्ज कराए। महिला मंडल के तप अनुमोदना गीत से कार्यक्रम शुरू हुआ। तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष मंजू दक, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल नौलखा, तेरापंथ सभा अध्यक्ष शांतिलाल कटारिया ने नवरत्न देवी देरासरिया के मास खमण तपस्या को मैसूरु का गौरव बताया।
कन्हैयालाल देरासरिया व कैलाश देरासरिया ने मुक्तक एवं संगीत के द्वारा भावनाएं व्यक्त कीं। चेन्नई से समागत तपस्विनी के भाई पूनमचंद मांडोत ने शुभकामनाएं प्रेषित कीं। साध्वी शौर्यप्रभा ने विचार व्यक्त किए। साध्वी सुदर्शन प्रभा,साध्वी सिद्धियशा,साध्वी राजुल प्रभा, शौर्य प्रभा ने कव्वाली प्रस्तुत की। साध्वी प्रमुखाश्री द्वारा संप्रेषित संदेश का वाचन तेरापंथ सभा के मंत्री अशोक ने किया।
मदुरै से मुनि अर्हत कुमार ने अपनी भावनाएं प्रेषित कीं। तेरापंथी सभा युवक परिषद, महिला मंडल एवं अनुव्रत समिति आदि संस्थाओं ने संयुक्त रूप से तपस्वी का स्वागत किया। साध्वी ने मास खमण के 31वें दिन का प्रत्याख्यान करवाया। संचालन साध्वी राजुल प्रभा ने किया। तप अनुमोदना हेतु तेरापंथ भवन में रात्रि धर्म जागरण रखा गया।