आरोपी कई साल पहले रोजगार की तलाश में बेंगलूरु आया था। वह होटलों और कैंटीनों में काम करने लगा। उसे पता चला कि सेनाधिकारियों को कई तरह की सुविधाएं और रियायतें मिलती है। उसने खुद को सेनाधिकारी बता कर लोगों को सस्ते में वाहन और अन्य चीजें दिलाने के बहाने ठगना शुरू कर दिया।
उसने सुब्रमण्या नगर के नागेन्द्र और उसके रिश्तेदारों को मोबाइल, इलेक्ट्रानिक उपकरण और अन्य चीजें सस्ते में दिलाने के बहाने 23 लाख रुपए प्राप्त किए थे। नागेंद्र ने मठापति को कई बार कॉल किया लेकिन उसका मोबाइल फोन बंद मिला। उसके बारे में जानकारी जुटाने पर नागेंद्र को पता चला कि वह धोखेबाज था। इतना ही नहीं आरोपी ने दो युवतियों से मंगनी कर उन्हें भी धोखा दिया था।