

चिकपेट में यहां सुई से लेकर प्लेटिनम तक का होलसेल व्यापार चिकपेट में हो रहा है। सिटी स्ट्रीट व नगरथेपेट मेें प्रतिदिन करीब तीन सौ से चार सौ करोड़ का व्यापार होता है। चिकपेट क्षेत्र में कपड़ा, इलेक्ट्रिकल, प्लाइवुड मार्केट, प्लास्टिक का मार्केट के साथ सभी बाजार यहां हैं। सिल्क की बेंगलूरु बहुत बड़ी मंडी है। सिल्क का व्यापार भी बेंगलूरु से शुरू होता है। मनवरथपेट में तो चप्पल का भी होलसेल बाजार है। शिवकुमार कहते हैं कि प्रतिदिन चिकपेट क्षेत्र में सात से आठ लाख लोग व्यापार के सिलसिले में चिकपेट आते हैं। सर्वाधिक लोग यहां तमिलनाडु, आन्ध्रा, महाराष्ट्र से आते हैं। बेंगलूरु में आकर फालतू बैठने वाले बहुत कम लोग हैं। सभी अपना-अपना व्यवसाय कर रहे हैं।
चिकपेट पुलिस स्टेशन किया बंद
कानून व्यवस्था के लिहाज से पहले चिकपेट पुलिस स्टेशन हुआ करता था। जिसे पांच वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया। अब चिकपेट पुलिस स्टेशन के कुछ हिस्से को उप्पारपेट व कुछ को कॉटनपेट व कुछ को सिटी मार्केट पुलिस स्टेशन में शामिल कर दिया है। शिवकुमार बताते हैं 1925 से चिकपेट पुलिस स्टेशन था। इसके साथ ही राजस्व विभाग भी हुआ करता था। पांच वर्ष पूर्व सरकार ने इसे बंद कर दिया। चिकपेट पुलिस स्टेशन ऐतिहासिक था। क्षेत्र के लोगों ने काफी विरोध भी किया था।
कानून व्यवस्था के लिहाज से पहले चिकपेट पुलिस स्टेशन हुआ करता था। जिसे पांच वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया। अब चिकपेट पुलिस स्टेशन के कुछ हिस्से को उप्पारपेट व कुछ को कॉटनपेट व कुछ को सिटी मार्केट पुलिस स्टेशन में शामिल कर दिया है। शिवकुमार बताते हैं 1925 से चिकपेट पुलिस स्टेशन था। इसके साथ ही राजस्व विभाग भी हुआ करता था। पांच वर्ष पूर्व सरकार ने इसे बंद कर दिया। चिकपेट पुलिस स्टेशन ऐतिहासिक था। क्षेत्र के लोगों ने काफी विरोध भी किया था।
महापुरुषों के नाम से हैं लेन
चिकपेट क्षेत्र में सौ से अधिक लेन हैं। वीएस लेन, ईएस लेन, एसवी लेन, डीएस लेन, डीके लेन, संजीवप्पा लेन, बसट्टीपेट, जेएमलेन, केवी लेन सहित अनेक लेन हैं। ऐतिहासक मंदिरों का है खजाना
चिकपेट क्षेत्र में हर गली में एक मंदिर जरूर मिल जाएगा। यहां धार्मिक लोग हैं। शिव मंदिर सहित सभी मंदिरों में प्रवासी पूरा सहयोग कर रहे हैं। चिकिपेट क्षेत्र में 500 वर्ष से प्राचीन करीब एक दर्जन मंदिर मिल जाएंगे। मंदिरों का इतिहास किसी से अछूता नहीं है। काशी विश्वनाथ के भी दर्शन बलेपेट क्षेत्र में हो जाएंगे।
चिकपेट क्षेत्र में सौ से अधिक लेन हैं। वीएस लेन, ईएस लेन, एसवी लेन, डीएस लेन, डीके लेन, संजीवप्पा लेन, बसट्टीपेट, जेएमलेन, केवी लेन सहित अनेक लेन हैं। ऐतिहासक मंदिरों का है खजाना
चिकपेट क्षेत्र में हर गली में एक मंदिर जरूर मिल जाएगा। यहां धार्मिक लोग हैं। शिव मंदिर सहित सभी मंदिरों में प्रवासी पूरा सहयोग कर रहे हैं। चिकिपेट क्षेत्र में 500 वर्ष से प्राचीन करीब एक दर्जन मंदिर मिल जाएंगे। मंदिरों का इतिहास किसी से अछूता नहीं है। काशी विश्वनाथ के भी दर्शन बलेपेट क्षेत्र में हो जाएंगे।
इनका कहना है
चिकपेट क्षेत्र व्यावसायिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र होने के साथ धर्म व श्रद्धा का भी प्रमुख केन्द्र है। यहां सतानत संस्कृति के साथ जैनों के प्राचीन मंदिर भी हैं। इसके अलावा यह क्षेत्र सभी संस्कृतियों के संजोए हुए हैं।
लीला शिवकुमार,
निवर्तमान पार्षद
चिकपेट क्षेत्र व्यावसायिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र होने के साथ धर्म व श्रद्धा का भी प्रमुख केन्द्र है। यहां सतानत संस्कृति के साथ जैनों के प्राचीन मंदिर भी हैं। इसके अलावा यह क्षेत्र सभी संस्कृतियों के संजोए हुए हैं।
लीला शिवकुमार,
निवर्तमान पार्षद
