यह है मामला
दरअसल कुछ दिन पहले प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा परीक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी कर केएसएसएचएमए (Karnataka State Secondary School Head Masters Association) सहित अन्य संगठनों को प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन से मना किया है। जिसके बाद से केएसएसएचएमए मुख्यमंत्री से बार-बार अधिसूचना को वापस लेने की अपील कर रहा है। सूत्रों के अनुसार इस अधिसूचना के कारण केएसएसएचएमए को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। क्योंकि केएसएसएचएमए इस वर्ष प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन की तैयार शुरू कर चुका है। प्रदेश के दो हजार से ज्यादा स्कूलों से परीक्षा शुल्क भी लिया जा चुका है। प्रश्न पत्रों की छपाई के लिए केएसएसएचएमए ने 80 लाख रुपए का भुगतान किया है। ऐसे में परीक्षा के आयोजन कि इजाजत नहीं मिलती है तो केएसएसएचएमए को स्कूलों को शुल्क लौटाना होगा। भारी आर्थिक नुकसान होगा।
मांगेंगे शुल्क
केएएमएस के महासचिव डी. शशिकुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री को केएसएसएचएमए के दबाव में नहीं आना चाहिए। केएएमएस के सदस्य स्कूल केएसएसएचएमए से शुल्क लौटाने की मांग करेंगे।
इजाजत नहीं मिली तो लौटा देंगे शुल्क
केएसएसएचएमए के अध्यक्ष डी. के. दिवाकर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से महज परीक्षा के आयोजन की इजाजत मांगी है। प्रारंभिक परीक्षा सारिणी जारी नहीं हुई है। केएसएसएचएमए गत 46 वर्षों से प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन करता आ रहा है। मुख्यमंत्री अगर अपने निर्णय पर कायम रहते हैं तो केएसएसएचएमए संंबंधित स्कूलों को परीक्षा शुल्क वापस कर देगा।