असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों पर मुख्यमंत्री की कड़ी नजर
बैंगलोरPublished: Sep 23, 2018 12:01:16 am
गुप्तचर विभाग से ले रहे तमाम जानकारी
HD Kumaraswamy visit temple
बेंगलूरु. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की कांग्रेस आलाकमान से भेंंट, मंत्री डी.के.शिवकुमार के साथ सिद्धरामय्या की बैठक तथा शुक्रवार को मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद भी गठबंधन सरकार पर मंडराता अस्थिरता का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है।
कांग्रेस के कुछ विधायकों के मुंबई के दौरे पर जाने के बारे में चल रही खबरों के मद्देनजर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने अब अपने अधीन कार्यरत गुप्तचर विभाग के अधिकारियों को बेलगावी, बल्लारी, बागलकोट तथा बेंगलूरु के कुछ संदिग्ध विधायकों की गतिविधियों की खुफिया जानकारी जुटाने के लिए तैनात किया है और वे इन विधायकों की तमाम गतिविधियों के बारे में क्षण-क्षण की जानकारी ले रहे हैं।
शनिवार को शृंगेरी व चिक्कमगलूरु प्रवास के दौरान भी मुख्यमंत्री मोबाइल फोन के जरिए जानकारी हासिल करते देखे गए। बहरहाल,कांग्रेेस के असंतुष्ट नेता व होसकोटे के विधायक एमटीबी नागराज ने शनिवार को चिक्कबलापुर के विधायक डा. के.सुधाकर के निवास पर जाकर उनके साथ करीब आधे घंटे तक अकेले में बातचीत की और बाद में दोनों नेता कार में सवार होकर किसी अज्ञात स्थान चले गए।
भाजपा ने डाले हथियार
उधर, कांग्रेस व जद-एस के असंतुष्ट विधायकों के फिलहाल पार्टी नहीं छोडऩे के संकेत देने के बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने गठबंधन सरकार के पतन की आस फिलहाल छोड़ दी है और पिछले कई दिनों से सक्रिय भाजपा नेता अब शांत होकर बैठ गए हैं। बताया जाता है कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से इस बारे में मिले निर्देश तथा असंतुष्ट विधायकों से संपर्क स्थापित नहीं होने पाने के कारण भाजपा ने फिलहाल अपने सारे हथियार डाल दिए और पार्टी नेताओं ने देखो व प्रतीक्षा करो की नीति अपनाने का निर्णय किया है।
दोनों दलों के असंतुष्ट विधायक अब यदि अपनी मर्जी से भी इस्तीफा देते हैं तो भी इसे भाजपा का ऑपरेशन कमल करार दिया जा सकता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा को शर्मिंदा होना पड़ सकता है लिहाजा पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने प्रदेश के भाजपा को इस संबंध में चेतावनी दी बताते हैं।
इतना ही नहीं पार्टी ने प्रदेश के नेताओं को जब तक गठबंधन सरकार में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हो जाता ,तब तक एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं। सरकार पर मंडरा रहा खतरा टल गया है लेकिन कुमारस्वामी कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है और उन्होंने असंतुष्ट विधायकों की टोह लेने के लिए गुप्तचर विभाग को उनके पीछे लगा रखा है।