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अटकलों पर विराम इस सीट से ताल ठोकेंगे मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या

सिद्धरामय्या ने कहा कि दो क्षेत्रों से चुनाव लडऩे की उनकी कोई योजना नहीं है

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बेंगलूरु. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने दो क्षेत्रों से चुनाव लडऩे की चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि वे सिर्फ एक ही क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।
मैसूरु में पत्रकारों से बातचीत में सिद्धरामय्या ने कहा कि वे सिर्फ चामुंडेश्वरी से ही चुनाव लड़ेंगे। सिद्धरामय्या ने कहा कि वे पहले ही कह चुके हैं कि चामुंडेश्वरी से चुनाव लड़ेंगे और अब भी यही कह रहे हैं। दो क्षेत्रों से चुनाव लडऩे की उनकी कोई योजना नहीं है। हालांकि, गुरुवार को सिद्धरामय्या ने कहा था कि उन्होंने दो क्षेत्रों से चुनाव लडऩे के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं किया है। राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि चामुंडेश्वरी में विपक्ष की घेराबंदी और अनुकूल राजनीतिक समीकरण नहीं होने के कारण सिद्धरामय्या बसवकल्याण या बादामी से भी चुनाव में उतर सकते हैं।

यह पूछे जाने पर कि जद (ध) के प्रदेश अध्यक्ष एच डी कुमारस्वामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येड्डियूरप्पा उन्हें हराने का बयान दे रहे हैं, सिद्धरामय्या ने कहा कि मैं उन्हें हरा सकता हूं...मैं कुमारस्वामी और येड्डियूरप्पा को हरा सकता हूं। ऐसा नहीं है कि राजनीतिक शक्ति सिर्फ उनके पास है, मेरे पास राजनीतिक ताकत है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें हराने के लिए येड्डियूरप्पा और कुमारस्वामी हाथ मिला सकते हैं, सिद्धरामय्या ने कहा कि वे एक बार पहले भी ऐसा कर चुके हैं लेकिन वर्ष 2006 के उपचुनाव में उनकी चाल विफल हो गई थी। वे मुझे नहीं हरा पाए थे क्योंकि जनता मेरे साथ थी। सिद्धरामय्या ने कहा कि वे चामुंडेश्वरी क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे। कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं कि यह सीट मेरे लिए सुरक्षित नहीं है। इस सीट से वे आठवीं बार चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं। जनता दल (ध) के उम्मीदवार जी.टी. देवेगौड़ा दूसरी बार यहां से चुनाव लड़ेंगे। वे वस्तुस्थिति के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। सिद्धरामय्या पिछले दो सप्ताह से लगातार चामुंडेश्वरी क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। शुक्रवार को भी उन्होंने कई गांवों ेका दौरा किया। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कभी सिद्धरामय्या के सहयोगी रहे और अब भाजपा नेता बी श्रीनिवास प्रसाद और जद (ध) के विधायक देवेगौड़ा ने सिद्धरामय्या को हराने के लिए हाथ मिला लिए हैं। जद (ध) पहले ही देवेगौड़ा को टिकट देने की घोषणा कर चुकी है।

सिद्धरामय्या द्वारा प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग करने के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त से की गई शिकायत के बारे में उन्होंने कहा कि वे ऐसा कोई काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में किसी को बहुमत नहीं मिलने और तीन माह में दोबारा चुनाव होने की अटकलें लगाने वाले भ्र्रम में जी रहे हैं। कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी। इन चुनावों में जद (ध) को मिलने वाली सीटों की संख्या 25 से 30 तक ही सीमित रहेगी।

उन्होंने कहा कि जनता परिवार के सभी नेताओं के एकजुट रहते भी पार्टी को महज 59 सीटों पर जीत मिली थी और नेताओं के एक-एक कर पार्टी छोडऩे के बाद सीटें घटकर 28 रह गई। अपने इस दावे के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जद (ध) को 40 सीटों पर जीत मिली थी। अब तक 11 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। इसके अलावा वे खुद जद (ध) के अध्यक्ष रह चुके हैं और अच्छी तरह जानते हैं कि पार्टी की ताकत कहां-कहां पर और कितनी है। देवेगौड़ा व कुमारस्वामी कहते हैं कि मुख्यमंत्री बनने पर वे आगे अच्छा काम करेंगे पर सवाल यह है कि सत्ता में रहते उन्होंने क्या किया? सिद्धरामय्या बेटे डॉ यतींद्र के साथ ने शुक्रवार को मैसूरु के पास सुत्तूर मठ में जाकर मठ प्रमुख शिवरात्रि देशीकेंद्र स्वामी से आशीर्वाद लिया और करीब एक घंटे तक बातचीत की।

इस बीच सिद्धरामय्या ने चामुंडेश्वरी विधानसभा क्षेत्र में वोक्कालिगा समुदाय के सम्मेलन में भाग लिया और स्थानीय लोगों से जन समर्थन मांगा। इसके बाद उन्होंने क्षेत्र के हुल्लाल, होसकोटे गांवों में जाकर चुनाव प्रचार किया और जनसंपर्क किया। इस मौके पर उनके पुत्र यतींद्र व शहर कांग्रेस अध्यक्ष आर. मूर्ति भी उनके साथ थे।