प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री एन महेश भी मंदिर पहुंचे और माता की पूजा की। महेश ने कहा कि वैसे तो वे पहले भी मंदिर में पूजा करने आते रहे हैं, लेकिन मंत्री बनने के बाद पहली बार आना हुआ है। इस दौरान मंत्री डीके शिवकुमार भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने चामुण्डेश्वरी की विशेष पूजा कर राज्य में अच्छी बारिश व फसलें होने की देवी से प्रार्थना की।
इससे पहले ललिता महल हेलीपेड पर संवाददाताओं से बातचीत में कुमारस्वामी ने कहा कि वरुण देवता की कृपा से इस साल राज्य की कावेरी नदी पर बने चारों जलाशय भर चुके हैं जो पिछले चार सालों से नहीं भरे थे। बाद में कुमारस्वामी पत्नी अनिता कुमारस्वामी के साथ बस में सवार होकर चामुण्डी पहाड़ पर स्थित देवी चामुण्डेश्वरी के मंदिर में पहुंचे जहां उनका पूर्ण कुंभ स्वागत किया गया। कुमारस्वामी ने मंदिर में विशेष पूजा की और राज्य में इस साल अच्छी बारिश व अच्छी फसलें होने के लिए प्रार्थना की।
——– आत्मा के लिए घातक हैं जन्म, जय, मरण
मैसूरु. कुंथूनाथ जैन संघ इटकेगुड के कुंथूनाथ भवन में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने धर्मसभा में कहा कि आत्मा जब तक संसार में कर्मों के बंधनों से बंधी हुई है तब तक आत्मा को जन्म, जय और मरण की व्याधि अवश्यमेव सहन करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि जन्म, जय और मरण तीनों आत्मा के लिए घातक हैं। जिसका जन्म होता है उसका मरण निश्चित है। देव, दानव, इन्द्र, चक्रवर्ती, वासुदेव, बलदेव, राजा, महाराजा भी चाहे कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों यमराज के आगे वे हार जाते हैं।
मैसूरु. कुंथूनाथ जैन संघ इटकेगुड के कुंथूनाथ भवन में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने धर्मसभा में कहा कि आत्मा जब तक संसार में कर्मों के बंधनों से बंधी हुई है तब तक आत्मा को जन्म, जय और मरण की व्याधि अवश्यमेव सहन करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि जन्म, जय और मरण तीनों आत्मा के लिए घातक हैं। जिसका जन्म होता है उसका मरण निश्चित है। देव, दानव, इन्द्र, चक्रवर्ती, वासुदेव, बलदेव, राजा, महाराजा भी चाहे कितने ही शक्तिशाली क्यों न हों यमराज के आगे वे हार जाते हैं।