उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्नाटक नगर निगम अधिनियम १९७६ के नियम १०३ को संशोधित कर नए नियम १०३ सी शामिल किया है इसके तहत संपत्ति कर के साथ दो फीसदी भूतल परिवहन कर संग्रहित करने की अधिसूचना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि जिस दिन यह अधिसूचना जारी हुई थी उसी दिन से दो फीसदी कर भुगतान करना अनिवार्य है। जो लोग मौजूदा वित्त वर्ष के लिए संपत्ति कर भुगतान कर चुके हैं उन्हें अब दो फीसदी भूतल परिवहन कर भुगतान करना होगा।
विपक्ष ने किया विरोध
विपक्षी दलों कांग्रेस और जदएस के सदस्यों ने पालिका के इस फैसले का विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष अब्दुल वाजिद ने कहा कि पहले से नागरिकों को विभिन्न प्रकार का २४ फीसदी कर भुगतान करना पड़ रहा है। फिर दो फीसदी अधिक कर लगाना सही नहीं है। पालिका में भाजपा के सदस्यों की संख्या अधिक होने के कारण यह सही नहीं कि सरकार के हर फैसले का स्वागत कर इसके लिए मंजूरी दी जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर ने विपक्षी सदस्यों को इस मुद्दे पर बोलने का अवसर नहीं दिया और अपने अधिकारों का गलत फैसला लेकर दो फीसदी भूतल परिहवन कर के लिए अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि हम सरकार के फैसले का विरोध करते हैं और कांग्रेस नागरिकों के साथ धरना देगी।