मवेशी बेचकर खरीदा टीवी
नायक ने बताया कि बच्चा शिक्षा से वंचित न हो इसलिए एक पिता ने मवेशी बेचकर उसके लिए टीवी (sold cattle to buy tv) खारीदा। इस घटना से वे उन गरीब बच्चों के लिए काफी आहत हुए जो डिजिटल उपकरणों के अभाव में पढ़ नहीं पा रहे थे। इसके बाद उन्होंने 30 शिक्षकों को विद्यागम योजना का हिस्सा बनने के लिए राजी किया। ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हुईं और फिलहाल 600 से ज्यादा बच्चों ने फिर से पढ़ाई शुरू कर दी है।
नायक ने बताया कि उनके क्लस्टर में पांच प्राथमिक स्कूल, तीन उच्च प्राथमिक स्कूल और एक हाई स्कूल है। कक्षा के लिए शिक्षकों और बच्चों को कई समूहों में बांटा गया है। इस बात का ध्यान रखा गया है कि कक्षाएं बच्चों के घरों के आसपास ही हों। इन समूहों को फिर उप समूहों में बांटा गया। उप समूह में वे बच्चे हैं जिनके पास टीवी, स्मार्ट फोन और कम्प्यूटर आदि उपकरण नहीं हैं। शिक्षक ऐसे बच्चों को सीधे यानी ऑफलाइन पढ़ाते हैं। चुंकी कक्षाएं स्कूलों में आयोजित नहीं हो सकती हैं इसलिए शिक्षा विभाग ने मंदिर, मस्जिद, चर्च, विवाह सभागार या उन घरों में कक्षाएं आयोजित करने की इजाजत दी हैं जहां बैठने के लिए खुली जगह हो।
अभिभावक ऐसे बंटा रहे हाथ
बच्चों के साथ अभिभावक भी खुश हैं। कई अभिभावकों ने तो खुद मास्क, हैंड सैनिटाइजर और गर्म पानी आदि की व्यवस्था की है। सामाजिक दूरी नियमों का पालन हो इसके लिए हर कक्षा में बच्चों की संख्या कम-से-कम रखी गई है।
अगले शैक्षणिक वर्ष में पदोन्नत
बच्चों के लिए मिड डे मिल की व्यवस्था नहीं है। सुबह 10 से दोपहर 12.30 बच्चे तक कक्षाएं लगती हैं। शिक्षकों ने कक्षा चार से 10 तक के बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स समाप्त कर दी है। जिसके बाद प्री और प्रोस्ट परीक्षा आयोजित की गई। नतीजों के आधार पर बच्चों को अगले शैक्षणिक वर्ष में पदोन्नत किया गया है।