कर्नाटक राज्य नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत सफाईकर्मी महासंघ ने इस हड़ताल का आह्वान किया है। महासंघ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी लंबित मांग पर इस महीने के अंत तक निर्णय नहीं हुआ तो १ जुलाई से हड़ताल की जाएगी। इसमें पूरे राज्य के सफाई कर्मचारी शामिल होंगे।
यूनियन का कहना है कि मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा चुनाव २०१८ के पूर्व सफाई कर्मचारियों को स्थायी नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन, उनके सत्ता में आए एक वर्ष बीतने के बाद भी वादा अधूरा है। इसके अतिरिक्त यूनियन ने सफाई के दौरान विभिन्न हादसों जान गंवाने वाले सफाई कर्मियों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।
यूनियन को डर है कि राज्य में फिर से सफाई कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत लाया जा सकता है। इससे सफाई कर्मचारियों को शोषण बढ़ता है। अगर वादे के अनुसार सफाई कर्मचारियों की नौकरी स्थायी की जाए, तो सभी समस्याएं हल हो जाएंगी। यूनियन की शिकायत है कि कुछ ठेकेदारों ने सफाई कर्मचारियों को उपकरण जैसे झाड़ू, प्रदूषण मास्क, वर्दी और पुश कार्ट आदि प्रदान करना बंद कर दिया है। ऐसे ठेकेदार नागरिक निकाय को यह दिखाना चाहते हैं कि अनुबंध प्रणाली बेहतर थी, जबकि अनुबंध प्रणाली में सफाई कर्मचारियों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है।
१७ हजार को स्थायी नौकरी का इंतजार
बृहद बेंगलूरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) के अंतर्गत करीब १७ हजार सफाई कर्मचारियों को स्थायी नौकरी का इंतजार है। इसमें ऑटो और टिप्पर वाहनों के चालक शामिल नहीं हैं, लेकिन यूनियन ने चालकों को भी स्थायी नौकरी प्रदान करने की मांग की है। सोमवार को होने वाली हड़ताल से शहर में आंशिक रूप से सफाई, कचरा संग्रहण एवं निस्तारण आदि प्रभावित हो सकता है।