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सीएम का तंज: जनता अगर जाम का आनंद लेना चाहती है, तो सरकार को कोई समस्या नहीं

locationबैंगलोरPublished: Jul 31, 2018 01:10:46 am

Submitted by:

Rajeev Mishra

अगर जाम में रेंगना ही स्वीकार्य हो तो सरकार को आपत्ति नहीं

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सीएम का तंज: जनता अगर जाम का आनंद लेना चाहती है, तो सरकार को कोई समस्या नहीं

बेंगलूरु. शहर की यातायात जाम समस्या के निदान के लिए प्रस्तावित एलिवेटेड कोरिडोर परियोजना को लेकर बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि अगर शहर के लोग नहीें चाहते हैं तो सरकार इस परियोजना को रद्द कर देगी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने अपने आवासीय कार्यालय कृष्णा में एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ-साथ एलिवेटेड कोरिडोर परियोजना से जुड़े विशेषज्ञों ने भी शिरकत की।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना को लेकर प्राथमिक बैठक थी जिसमें एलिवेटेड कोरिडोर के निर्माण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक के दौरान बेंगलूरु को यातायात जाम से मुक्त दिलाने से जुड़ी अन्य संभावनाओं पर विचार किया गया जिसमें मेट्रो रेल, हाई-स्पीड रेल लिंक, मोनो रेल, फ्लाई ओवर और बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम की बसों की संख्या बढ़ाना आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि 102 किमी लंबी एलिवेटड कोरिडोर परियोजना के निर्माण का उद्देश्य शहर में लगने वाले भारी यातायात जाम से लोगों को निजात दिलाना है। यह कोई नई परियोजना नहीं है। इसकी योजना वर्ष 2006 से ही बन रही है। कांग्रेस-जद-एस गठबंधन सरकार ने इसे जीवंत किया है और इसे लागू करना चाहती है। इस परियोजना पर 33 हजार 600 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। इसमें से कोरिडोर निर्माण पर ही 15 हजार 825 करोड़ रुपए खर्च होंगे जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए 152 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी।
अगर जाम में रेंगना ही स्वीकार्य हो तो सरकार को आपत्ति नहीं
अगर लोग खुश नहीं हैं और इसका निर्माण नहीं चाहते हैं तो सरकार इसे रद्द कर देगी। इस्पात फ्लाई ओवर (बसवेश्वर चौराहे से हेब्बाल फ्लाइ ओवर) की तरह लोग इस परियोजना का भी विरोध कर रहे हैं। सरकार बेंगलूरु शहर को यातायात जाम से मुक्त करना चाहती है लेकिन लोग इसका विरोध करते हैं और यातायात जाम में रेंगना ही जीवन पद्धति के रूप में स्वीकार कर चुके हैं तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। वह उन्हें वैसा ही छोड़ देगी और इस परियोजना को बंद कर दिया जाएगा। अगर परियोजना पर काम आगे बढ़ता है तो क्रियान्वयन से पहले नियमों के मुताबिक जन सुनवाई और पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन भी कराया जाएगा।
इसलिए हो रहा विरोध
परियोजना के लिए लगभग 3600 पेड़ों को काटना पड़ेगा जिसको लेकर पर्यावरणविद् पहले से ही परियोजना का विरोध कर रहे हैं।पिछली सरकार द्वारा चालुक्य सर्किल से हेब्बाल फ्लाइओवर के बीच महंगे स्टील फ्लाइओवर बनाने की योजना के तीव्र विरोध का एक कारण बड़े पैमानों पर पेड़ों की कटाई भी था। उस परियोजना में लगभग 800 पेड़ बाधा बन रहे थे। एलिवेटेड कोरिडोर परियोजना में तो स्टील फ्लाई ओवर परियोजना की तुलना में 4 गुणा से भी अधिक पेड़ गिराने होंगे। केआरडीसीएल ने कहा है कि अगर एलिवेटेड कोरिडोर परियोजना तैयार होती है तो इससे हर वर्ष 9 हजार 337 करोड़ रुपए की बचत होगी जो यातायात जाम के चलते बर्बाद हो जाती है। विरोधी लागत और उपयोगिता को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। विशेषज्ञों ने सार्वजनिक परिवहन को उन्नत करने पर जोर देते हुए कहा हैकि बेंगलूरु के जिन क्षेत्रों में नम्मा मेट्रो का परिचालन हो रहा है, वहां निजी वाहनों की तुलना में ३८ प्रतिशत अधिक यात्री मेट्रो का उपयोग कर रहे हैं। शहरी विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी शहर में बुनियादी ढांचे पर निवेश के बेहतर परिणाम के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा नागरिक उसका उपयोग करें। ऐसे में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और मेट्रो जैसी परियोजनाओं पर निवेश करना ज्यादा बेहतर विकल्प होगा। शहर में वाहनों को संख्या को नियंत्रित करने के उपयों पर गौर करने की जरुरत है।

ये हैं पांच चरण
पहला चरण : उत्तर-दक्षिण कोरिडोर-एस्टीम मॉल हेब्बाल से सिल्क बोर्ड जंक्शन तक। यह प्रस्तावित कोरिडोर-1 को जोड़ेगा। कुल लंबाई : 24.47 किमी
दूसरा चरण: पूरब-पश्चिम कोरिडोर-1-केआर पुरम से गोरगुंटेपाल्या तक जिसमें राममूर्तिनगर (रिंग रोड) भी शामिल होगा। यह कोरिडोर 2 और 3 को भी जोड़ेगा। कुल लंबाई : 41.2 किमी
तीसरा चरण: सीबीडी (सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट) में लूप बनेगा जो हडसन सर्किल, रिचमंड सर्किल, डबल रोड और जेसी रोड पर होगा और शांतिनगर बरसताी नाले (एसडब्ल्यूडी) तक फैला होगा। कुल कुल लंबाई : 10.08 किमी
चौथा चरण: पूरब-पश्चिम कोरिडोर-2 जो मिनर्वा सर्किल को आउटर रिंग रोड (ओआरआर) स्थित नाइस रोड जंक्शन से जोड़ेगा। कुल लंबाई : 9.25 किमी
पांचवा चरण: पूरब-पश्चिम कोरिडोर-2 जो वर्तुर कोडी से रिचमंड सर्किल के बीच होगा। कुल लंबाई : 17.04 किमी

‘आपÓ ने कहा भ्रष्टाचार के खुलेंगे दरवाजे
आम आदमी पार्टी ने भी परियोजना के खिलाफ आवाज उठाई है। पार्टी ने कहा है कि यह परियोजना अच्छे शहरी प्रशासन के हर मोर्चे पर नाकाम साबित होगी। बिना योजना और महानगरीय योजना समिति को नजरअंदाज कर लागू करने की कोशिश की जा रही है। जहां तक आम आदमी को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक परिवहन को मजबूत बनाने, उपनगरीय रेल शुरू करने और लोगों के चलने लायक फुटपाथ बनाने पर ध्यान देना चाहिए वहीं सरकार निजी वाहनों और उनके मालिकों को ध्यान में रखकर एलिवेटेड कोरिडोर का निर्माण कराना चाहती है।
पार्टी ने आरोप लगाया है कि इस परियोजना पर बड़े निवेश को देखते हुए भ्रष्टाचार की काफी गुंजाइश है। विशेषज्ञों का हवाला देते हुए पार्टी ने कहा कि बेंगलूरु शहर में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बढ़ाने की आवश्यकता है नहीं तो कितनी भी सड़कें और फ्लाई ओवर बन जाए निजी कार और बाइक के चलते यातायात जाम से मुक्ति नहीं मिलेगी। बड़े मेट्रो शहरों में यह साबित हो चुका है। इसलिए बीएमटीसी बसों की संख्या बढ़ाने के साथ ही फुटपाथ को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। अगर सरकार बेंगलूरु शहर को यातायात जाम से मुक्त करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करने को तैयार है तो यह अच्छी बात है। लेकिन, तभी जब इस बड़ी राशि का सदुपयोग हो।
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