उन्होंने सोमवार को रायचूर रवाना होने से पहले अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव का उनके मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर निर्णय में कोई संबंध नहीं हैं। इसको लेकर चल रही अटकलबाजी निराधार है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मिलने का समय देते हैं तो वे दिल्ली जाकर उनसे विचार विमर्श कर विदेश प्रवास से पहले ही या इस माह के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार कर लेंंगे।
येडियूरप्पा ने कहा कि जो विधायक दूसरे दल छोड़कर हमारे साथ आए हैं, उनके साथ किए वादे को पूरा किया जाएगा। अमित शाह ने सोमवार को उनसे मिलने का समय दिया था, लेकिन देवदुर्गा में हालुमता समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेना जरूरी है, लिहाजा वे मंगलवार को दिल्ली जाने का प्रयास करेंगे। अमित शाह यदि भेंट का समय देते हैं तो तमाम कार्यक्रम रद्द करके दिल्ली जाऊंगा। यदि यह संभव नहीं हुआ तो फिर वे 17-18 जनवरी को प्रदेश के दौरे पर आ ही रहे हैं। उस समय अध्यक्ष के साथ चर्चा करके कर ली जाएगी।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के निर्णय के अनुसार मंत्री पद दिए जाएंगे। 17 लोगों को मंत्री बनाने के बारे में एच. विश्वनाथ के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के भी कहने के मुताबिक मंत्री पद दिए नहीं जा सकते। आलाकमान का फैसला ही अंतिम होगा।
विधायकों ने दी २० तक की मोहलत
जानकारों के अनुसार उपचुनाव परिणाम आने के एक माह से ज्यादा का वक्त गुजरने के बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किए जाने पर पाला बदलकर भाजपा में आए नव निर्वाचित विधायकों ने कड़ी नाराजगी जताई है। इन विधायकों ने भाजपा को 20 जनवरी तक की मोहलत दी है। विधायकों में से एक का कहना है कि मुख्यमंत्री ने संक्रांति के बाद विस्तार की बात कही, लेकिन इसके लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। पूर्व में हमारे साथ किए वादे का क्या? हमने भाजपा आलाकमान से पूछ कर भाजपा को सत्ता नहीं दिलाई। सरकार के गठन से पहले हुए वादे को पूरा किया जाना चाहिए। हम लोग भला कितने समय तक प्रतीक्षा करेंगे।