मुख्यमंत्री ने रविवार को डालर्स कालोनी स्थित अपने निवास पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि होसकोटे से पार्टी के उम्मीदवार एमटीबी नागराज के खिलाफ बागी उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरने वाले शरत बच्चेगौड़ा ने यदि अपना नामांकन वापस नहीं लिया तो उनको पार्टी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने शरत बच्चेगौड़ा को शाम तक नामांकन पत्र वापस लेने की मोहलत देते हुए कहा कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनको हाल में नियुक्त किए गए कर्नाटक आवासन बोर्ड के चेयरमेन के पद से हटा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि होसकोटे सीट से बच्चेगौड़ा की चुनाव जीत पाने की कोई संभावना नहीं है और एमटीबी नागराज के सोमवार को नामांकन पत्र भरने के दौरान वे स्वयं उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पार्टी के उन सभी 15 उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे जो उपचुनाव लडऩे जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पार्टी के उम्मीदवार सभी 15 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे और प्रदेश के मतदाता प्रदेश के विकास के लिए भाजपा के उम्मीदवारों को जिताएंगे। मुख्यमंत्री ने उपचुनावों के बाद सभी अयोग्य विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के अपने बयान का पुरजोर समर्थन करते हुए इस मसले पर कांग्रेस के नेताओं के चुनाव आयोग से शिकायत करने के निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस शिकायत की दो कौड़ी की कीमत नहीं है और सिद्धरामय्या व उनकी कंपनी के पास इस तरह की शिकायतें करने के अलावा दूसरा काम ही क्या है?
उन्होंने कहा कि अयोग्य विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के अपने वादे पर वे अब भी कायम हैं क्योंकि उनके त्याग के बलबूते पर ही भाजपा सत्ता में आ सकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सोमवार से ही सभी क्षेत्रों का चुनावी दौरा शुरू करेंगे।
बहरहाल, अयोग्य विधायकों को चुनाव लडऩे के लिए टिकट देने से नाखुश अनेक भाजपा नेताओं ने पार्टी चोड़कर बागियों के तौर पर चुनाव लडऩे की धमकी दी है। भाजपा को हिरेकेरूर, विजयनगर,महालक्ष्मी ले- आऊट, यशवंतपुर, कागवाड़ तथा अथणी विधानसभा क्षेत्रों में बागियों के खतरे का सामना करना पड़ रहा है और पार्टी के वरिष्ठ नेता बागियों को नामांकन पत्र नहीं भरने के लिए मनाने के प्रयास कर रहे हैं। गत जुलाई माह में कांग्रेस व जद-एस के विधायकों को सदस्यता से अयोग्य ठहराने के कारण रिक्त हुई 15 सीटों पर उपचुनाव करवाए जा रहे हैं।