scriptकर्नाटक में 10 माह बाद सभी छात्रों के लिए खुले कॉलेज | colleges in karnataka opened after 10 months of covid | Patrika News

कर्नाटक में 10 माह बाद सभी छात्रों के लिए खुले कॉलेज

locationबैंगलोरPublished: Jan 16, 2021 03:18:04 pm

Submitted by:

Nikhil Kumar

– कोविड के लक्षण वाले विद्यार्थियों के लिए ही जांच अनिवार्य

कर्नाटक : मेडिकल, डेंटल कॉलेजों को तत्काल प्रभाव से खोलने के आदेश

File Pic.

बेंगलूरु. कोरोना महामारी के कारण मार्च से बंद पड़े स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोम और इंजीनियरिंग कॉलेज शुक्रवार से सभी के लिए खुल गए। इससे पहले केवल निर्णायक वर्ष के छात्रों के लिए ही कॉलेजों का संचालन हो रहा था। 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए भी कॉलेज एक जनवरी से खोल दिए गए थे। हालांकि, पहले की तरह अब भी छात्रों पर कॉलेज आने के लिए कोई दबाव नहीं है। ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प है।

विद्यार्थी और अभिभावक इस पर भी बंटे हुए हैं। कोई नियमित कक्षाएं शुरू होने से उत्साहित है तो कोई ऑनलाइन शिक्षा से संतुष्ट। पहले दिन ज्यादातर कॉलेजों में छात्रों की उपस्थित 30-40 फीसदी ही रही। कॉलेज का पहला और सप्ताह का अंतिम दिन होने के कारण ज्यादातर कॉलेज प्रबंधन इससे ज्यादा की उम्मीद भी नहीं कर रहे थे।

कुल क्षमता के 50 फीसदी छात्र-छात्राएं ही
पहले की तरह सभी विद्यार्थियों के लिए कोविड जांच अनिवार्य नहीं है। केवल कोविड के लक्षण वाले छात्रों के लिए ही जांच अनिवार्य है। कुल क्षमता के 50 फीसदी छात्र-छात्राएं ही कक्षा में शामिल हो सकेंगे। शिक्षक हो या विद्यार्थी मास्क और थर्मल स्क्रीनिंग के बिना किसी को कॉलेज में प्रवेश की इजाजत नहीं है। हैंड सैनिटाइजर, भोजन और पानी विद्यार्थी अपने साथ लाएंगे। सुरक्षा नियमों के साथ पुस्तकालय और कैंटीन की इजाजत दी गई है। कॉलेज में प्रवेश के लिए अभिभावकों का अनुमति पत्र अनिवार्य है।

कॉलेजों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी
बेंगलूरु उत्तर विश्वविद्यालय (बएनयू) के कुलपति प्रो. टी. डी. केंपाराजू ने बताया कि सभी सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं। बीएनयू से संबद्ध 246 कॉलेजों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विशेषकर पुस्तकालय और कैंटीन में सामाजिक दूरी नियम का सख्ती से पालन होगा।

सभी को जिम्मेदारी समझनी होगी
बीकॉम के छात्र एन. श्रीनिवास ने कहा कि करीब 10 माह बाद कॉलेज आकर वह बेहद खुश है। कोरोना वायरस जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। इससे घबराने नहीं सावधान रहने की जरूरत है। सुरक्षा नियमों का पालन कर एक व्यक्ति खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख सकता है। सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सरकार का साथ देना होगा।
एक निजी कॉलेज के अध्यक्ष ने बताया कि ज्यादातर विद्यार्थी कॉलेज आना चाहते हैं। सरकारी आदेश अनुसार ऑनलाइन कक्षा भी जारी रहेगी। लेकिन शिक्षकों पर काम को बोझ बढ़ेगा।

शेषाद्रीपुरम कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एन. एस. सतीश ने कहा कि विद्यार्थियों और अभिभावकों को घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन कोरोना नियंत्रण में सभी को अपनी भूमिका समझनी होगी। करीब दो माह से निर्णायक वर्ष के विद्यार्थी कॉलेज आ रहे हैं। इसलिए मानक संचालन प्रक्रिया को लेकर कोई असमंजस नहीं है।

संख्या बढऩे पर ही शुरू की जाएगी बस सेवा
एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के संचालक ने बताया कि ज्यादातर विद्यार्थी कॉलेज आने-जाने के लिए निजी वाहन का इस्तमाल कर रहे हैं। गिनती के छात्रों ने ही कॉलेज बस की मांग की है। विद्यार्थियों की उपस्थित बढऩे पर बस सेवा शुरू की जा सकती है।

जोखिम नहीं उठाने चाहते कॉलेज संचालक
सभी के लिए कोविड जांच अनिवार्य नहीं होने के बावजूद कुछ कॉलेजों ने परिसर में ही नि:शुल्क जांच की व्यवस्था की है। कॉलेज संचालक कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं।

बीयू फिलहाल बंद रखेगा कैंटीन
बेंगलूरु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. आर. वेणुगोपाल ने बताया कि अगले कुछ सप्ताह तक कैंटीन बंद करने का निर्णय लिया गया है। स्थिति के अनुसार आगे की रणनीति तय करेंगे। कोरोना नियंत्रण प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन होगा। विश्वविद्यालय की सभी परीक्षाएं ऑफलाइन होंगी।

ट्रेंडिंग वीडियो