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अवैध भवनों के मालिकों को भी दिया मुआवजा

locationबैंगलोरPublished: Mar 20, 2019 12:05:35 am

शहर के होसूर सर्कल पर स्थित गंदे पानी के नाले पर निर्मित दो विशाल वाणिज्यिक भवनों के अवैध होने के बारे में जानकारी होने के बावजूद बीआरटीएस अधिकारियों ने 1.12 करोड़ रुपए मुआवजे का भुगतान किया है।

अवैध भवनों के मालिकों को भी दिया मुआवजा

अवैध भवनों के मालिकों को भी दिया मुआवजा

हुब्बल्ली. शहर के होसूर सर्कल पर स्थित गंदे पानी के नाले पर निर्मित दो विशाल वाणिज्यिक भवनों के अवैध होने के बारे में जानकारी होने के बावजूद बीआरटीएस अधिकारियों ने 1.12 करोड़ रुपए मुआवजे का भुगतान किया है।


नाले पर पिलर लगाकर बनाए गए एक बार एण्ड रेस्टोरेंट भवन को 57 लाख रुपए तथा आर्य वैश्य सहकारिता बैंक भवन के लिए 55 लाख रुपए मुआवजा देने की जानकारी मिली है। होसूर सर्कल पर सडक़ विस्तार में बाधा बने इन दोनों भवनों के सामने वाले हिस्से को बीआरटीएस अधिकारियों ने हटाया था। इसके चलते वाणिज्यिक भवनों के मालिकों को लाखों रुपए का मुआवजा दिया गया है। गंदा पानी बहने वाले नाले के ऊपर अवैध भवन का निर्माण किया गया है।


इतनी बड़ी राशि कभी नहीं दी
धारवाड़ जिले के इतिहास में दो अवैध निर्माणों पर इतनी बड़ी राशि का भूमि अधिग्रहण मुआवजा पहली बार दिया गया है। बीआरटीएस योजना के लिए जुड़वां शहर के बीच 75 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसके लिए बीआरटीएस कम्पनी ने 303 करोड़ रुपए मुआवजा दिया है। वर्ष 2012 में योजना के क्रियान्वयन का फैसला लेने पर 6 90 करोड़ रुपए निर्धारित हुए थे। देखा जाए तो योजना की आधी लागत राशि मुआवजे में ही दे दी गई है। योजना के आरम्भ में विरोध व्यक्त होने से कैसे भी योजना लागू करने के लिहाज से अधिक मुआवजा दिया है।

वैध भवनों व संपत्ति का मुआवजा देना ठीक है परन्तु अतिक्रमण का मुआवजा देने पर लोग नाराजगी जता रहे हैं। विशेषज्ञों की राय में लगभग 20 किलोमीटर लंबी एक सडक़ के विकास के लिए इतनी बड़ी राहत राशि कहीं भी नहीं दी गई है।


यातायात के लिए बाधा
स्थानीय निवासियों का कहना है कि होसूर सर्कल पर तीन चार माह से बीआरटीएस सडक़ निर्माण कार्य चल रहा है। इससे यातायात बाधित हो रहा है। कार्य चल रहे क्षेत्र पर अधिक सुरक्षा कार्रवाई नहीं करने से विद्यानगर व गोकुल रोड की ओर से रात के समय तेजी से आने वाले वाहनों के नाले में गिरने की आशंका बनी रहती है।

मिली भगत का संदेह
बीआरटीएस अधिकारियों ने शहरी नाले पर अवैध निर्माण करने वालों को मुआवजा देकर आमजन को अचरज में डाल दिया है। शहर का गंदा पानी बहने वाले नाले की जमीन पर वाणिज्यिक भवन का निर्माण करने वालों को हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम ने एक मौका दे दिया है वहीं दूसरी ओर सरकारी स्वामित्व की बीआरटीएस कम्पनी के नाले पर निर्मित अवैध भवनों को भरपूर मुआवजा देने के पीछे अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत का संदेह जताया जा रहा है।

नियमानुसार मुआवजा दिया
&बीआरटीएस योजना क्रियान्वयन के दौरान अधिग्रहण किए गए सभी जमीनों, भवनों के मालिकों को मुआवजा देने के विश्व बैंक के नियमों में है। इसके चलते अधिग्रहण किए गए सरकारी, निजी या फिर सरकार की जमीन को लीज पर प्राप्त निजी व्यक्तियों को भी नियमानुसार मुआवजा दिया गया है।
बसवराज केरी, उप महाप्रबंधक, बीआरटीएस

जिलाधिकारी ने समीक्षा के दिए निर्देश
होसूर सर्कल पर नाले पर इतने विशाल वाणिज्यिक भवनों का निर्माण कैसे हुआ। इतने वर्षों तक इसका पता नहीं चलने का कारण क्या है, किससे- कहां चूक हुई, इस बारे में तथा पूर्व के दस्तावेजों की समीक्षा करने के महानगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। जमीन की लीज अवधि समाप्त होने पर तुरन्त इन्हें कब्जे में लेने के निर्देश दिए जाएंगे। दीपा चोळन, जिलाधिकारी धारवाड़

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