उन्होंने कहा कि जनता इस बात को नहीं भूली है कि कैसे सिद्धरामय्या ने वीरशैव तथा लिंगायत समुदायों के बीच दरारें पैदा करने का प्रयास किया था। जनता ने वर्ष 2018 के चुनाव में सिद्धरामय्या को इसका करारा जवाब दिया था।उन्होंने कहा कि इस चुनाव में मैसूरु जिले के चामराजा विधानसभा क्षेत्र में में भी इस चुनाव में जनता दल के प्रत्याशी जीटी देवेगौड़ा ने सिद्धरामय्या को हराया था। लेकिन इस जनादेश का अपमान करते हुए सिद्धरामय्या ने उसी जनता दल एस के साथ मिलकर भाजपा को सत्ता से दूर रखने का प्रयास किया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में रहती है तब भ्रष्टाचार में मग्न रहती है, जब विपक्ष में होती है तो विभिन्न समुदायों में द्वेष फैलाने का हरसंभव प्रयास करती है। विप की चार सीटों के लिए चुनाव २८ को
आयोग ने विधान परिषद की चार सीटों के लिए भी चुनाव की घोषणा की है। परिषद की दो स्नातक और दो शिक्षक सीटों के लिए २८ अक्टूबर को मतदान होगा। ये चारों ३० जून से ही सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद से रिक्त हैं लेकिन कोरोना के कारण चुनाव टाल दिए गए थे।
आयोग ने दक्षिण-पूर्व स्नातक, पश्चिम स्नातक, उत्तर-पूर्व शिक्षक और बेंगलूरु शिक्षक क्षेत्र के लिए चुनाव कराने की घोषणा की है। चुनाव के लिए अधिसूचना १ अक्टूबर को अधिसूचना जारी होगी और ८ अक्टूबर तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे। ९ अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और १२ अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
२८ अक्टूबर को सुबह ८ से शाम ५ बजे के बीच मतदान होगा। दो नवम्बर को मतगणना होगी।पिछले चुनाव में इनमें से एक-एक सीट भाजपा और कांग्रेस ने जीती थी जबकि दो सीटें जद-एस के खाते में गई थी। हालांकि, में जद-एस के टिकट पर जीते पुट्टण्णा बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे।