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खरगे को कांग्रेस हाइकमान ने सीएम बनने से रोका!

locationबैंगलोरPublished: Feb 16, 2020 07:58:39 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

आजाद और गहलोत से कहा था खरगे को सीएम बनाएं: देवगौड़ाइशारों-इशारों में सिद्धरामय्या पर भी साधा निशाना

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बेंगलूरु.
जनता दल-एस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा ने कहा कि कांग्रेस अलाकमान ने मल्लिकार्जुन खरगे को मुख्यमंत्री बनने से रोका जबकि उन्होंने राज्य के शीर्ष पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया था।
यहां रविवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मैं चाहता था कि खरगे मुख्यमंत्री बने। एचडी कुमारस्वामी की बिगड़ती सेहत को देखते हुए मैंने गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत से खरगे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा था। लेकिन, उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों चाहते हैं कि कुमारस्वामी पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहें।Ó पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारामय्या का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार के पतन के लिए कौन जिम्मेदार है, यह सभी जानते हैं। ‘हर कोई जानता है कि किसके समर्थक और किसके निर्देश पर मुंबई गए। किसने यह बयान दिया कि जद-एस से हाथ मिलाने के कारण लोक सभा में कांग्रेस को कम सीटें मिलीं। बार-बार अपमान के बावजूद जद-एस ने कांग्रेस से हाथ मिलाया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था।
नौ सदस्यीय समिति करेगी जिलों का दौरा
देवगौड़ा ने कहा कि, न केवल उनकी पार्टी बल्कि यहां तक कि वे खुद बुरी तरह हार गए। लेकिन, उन्हें पता है कि वापसी कैसे करनी है। वे अब अपनी पार्टी को मजबूत करने और अगले चुनावों के लिए उसे तैयार करने की जिम्मेदारी संभालेंगे। ‘हमारा प्राथमिक ध्यान जद-एस को मजबूत बनाने और इसे पुनर्जीवित करने पर है। जल्द ही जद-एस के वरिष्ठ नेताओं की एक नौ सदस्यीय कोर समिति घोषित की जाएगी। यह समिति राज्य के सभी जिलों और तालुकों का दौरा करेगी और पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं की पहचान करेगी जो पार्टी की ताकत बढ़ाने और चुनाव लडऩे की जिम्मेदारी संभालेंगे।
2023 में लोस चुनाव की भविष्यवाणी
उन्होंने कहा ‘मेरे समेत कई उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं। मेरी प्राथमिकता आगामी विधानसभा और संसदीय चुनावों के लिए पार्टी को तैयार करना है जो वर्ष 2023 में एक साथ होने की संभावना है।Ó बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कृषि क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को हल करने में विफल है। केंद्र से अपेक्षा थी कि कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे। लेनिक, बजट में कई योजनाओं को एक साथ जोडकर उसे एक विशेष पैकेज के रूप में प्रस्तुत कर दिया गया। कृषि क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में 1 लाख करोड़ रुपए की कमी की गई है। देवगौड़ा ने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार घृणा की राजनीति में लिप्त है और कुमारस्वामी सरकार के दौरान स्वीकृत अधिकांश विकासात्मक परियोजनाओं को रद्द कर दिया है।
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