शिवकुमार 1 बजे के बाद कैंपैगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुए। इस बीच उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। अंतरिम राहत के लिए हाइ कोर्ट में दायर उनकी याचिका खारिज हो गई। डीकेएस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बीवी आचार्य ने अंतरिम राहत की गुहार लगाई और कम से कम 5 से 6 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आग्रह किया। हाइ कोर्ट उनकी दलीलों से सहमत नहीं हुआ और याचिका खारिज करते हुए जस्टिस अरविंद कुमार ने कहा कि ‘ईडी के समन पर आपकी याचिका खारिज करने और पूछताछ के लिए पेश होने का आदेश जारी करने के बाद हम उसमें कोई संशोधन नहीं कर सकते।’
गौरतलब है कि गुरुवार को हाइकोर्ट ने ईडी की ओर से जारी समन को रद्द करने की शिवकुमार की अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद ही उन्हें पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस भेजा गया। ईडी की ओर से अधिवक्ता एमबी नरगुंद ने शिवकुमार की अंतरिम राहत याचिका का विरोध किया। डीके शिवकुमार पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। कथित तौर पर उन्होंने करीब आठ करोड़ रुपए की काली कमाई को सफेद करने की कोशिश की। आरोपों के मुताबिक यह रकम आयकर विभाग ने 2017 में डीके शिवकुमार के दिल्ली स्थित घर से जब्त की थी। शिवकुमार का दावा है कि वह काला धन नहीं था और उसके कागजात आयकर विभाग को दिए जा चुके हैं।
शिवकुमार फिलहाल ईडी के समक्ष पेश होने नई दिल्ली में मौजूद हैं। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि ना तो किसी का रेप किया है और न ही किसी से घूस ली है। ये पैसों से जुड़ा छोटा सा मामला है। उन्हें राजनीतिक बदले की भावना से परेशान किया जा रहा है। वे इससे कानूनी और राजनीतिक रूप से निपटेंगे।