पार्टी को ऐसी हार की उम्मीद नहीं थी, फिर भी मतदाताओं के फैसले को सिर झुका कर स्वीकार किया जाएगा। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सिद्धरामय्या ने यह भी दोहराया कि आम चुनाव के परिणाम के बाद गठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं होगा। भाजपा ऑपरेशन कमल का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोई भी विधायक इसका शिकार नहीं होगा। प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है।
सिद्धरामय्या ने कहा कि ऐसे परिणाम की बिलकुल उम्मीद नहीं थी और १५ से २० सीट जीतने की उम्मीद थी। मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की हार का किसी को आभास नहीं था। उनकी हार से प्रदेश को अधिक नुकसान होगा। इन नेताओं के संसद में रहने पर कर्नाटक को लाभ होता था। प्रदेश से निर्वाचित सभी सांसद प्रदेश के प्रतिनिधि हैं, इसलिए आशा है कि केंद्र के प्रदेश के खिलाफ किसी कदम का विरोध करेंगे।
राहुल गांधी का समय भी जरूर आएगा
सिद्धरामय्या ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए दिन-रात काम किया। उनके श्रम का फल नहीं मिला। देश के कराड़ों लोग राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। वह समय अभी नहीं आया है मगर उन्हें विश्वास है कि देर से ही सही, वह समय जरूर आएगा। इस चुनाव में कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया। कार्यकताओं को हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है। अंधेरी गुफा के एक छोर पर रोशनी होती है।
जज्बाती हैं मतदाता, भावनाओं में बह गए
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने लोगों के दैनिक जीवन से संंबंधित वास्तविक विषयों को सामने रख कर चुनाव का सामना किया। भाजपा ने राष्ट्रीयता, सेना, युद्ध, धर्म संबंधी कई भावनात्मक विषयों को सामने रखकर प्रचार किया। देश केे मतदाता जज्बाती हैं, इसी कारण वह भावनाओं में बह गए। सच्चाई हमेशा कड़वी होती है, झूठ मीठा होता है।
मीठा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होने के बावजूद लोग मीठा ही पसंद करते हैं। वे व्यक्तिगत रूप से सैद्धांतिक राजनीति को पसंद करते हैं। चुनाव में हार के बावजूद उनका संघर्ष जारी रहेगा। जीत से कभी अहंकार नहीं किया और हार से कभी हौसला नहीं खोया।