विदेश से लौटते ही सिद्धू ने संभाला मोर्चा
बैंगलोरPublished: Sep 17, 2018 01:18:45 am
वेणुगोपाल सहित वरिष्ठ नेताओं से चर्चा, जारकीहोली बंधुओं से भी मुलाकात
विदेश से लौटते ही सिद्धू ने संभाला मोर्चा
बेंगलूरु. बारह दिन के यूरोप प्रवास से लौटने के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या कांग्रेस में उपजे असंतोष से निपटने की कवायद में जुट गए। शनिवार देर रात बेंगलूरु लौटे सिद्धरामय्या ने सुबह अपने सरकारी आवास पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के सी वेणुगोपाल और अन्य नेताओं से मुलाकात की।
वेणुगोपाल के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ईश्चर खंड्रे भी सिद्धू से मिलने पहुंचे थे। चारों नेताओं ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, जारकीहोली बंधुओं के बगावती सुर से उपजे हालात और विधान परिषद उपचुनाव पर चर्चा की। बताया जाता है कि वेणुगोपाल ने सिद्धरामय्या से जारकीहोली बंधुओं के बागी तेवर को लेकर चर्चा की और उनसे जारकीहोली बंधुओं को समझाने के लिए कहा। बैठक के दौरान जारकीहोली बंधुओं के कुछ अन्य विधायकों के साथ भाजपा के संपर्क में होने और पार्टी छोडऩे की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। बताया जाता है कि इसके बाद सिद्धरामय्या ने जारकीहोली बंधुओं को अपने आवास पर बुलाया और उनसे चर्चा की। बताया जाता है कि जारकीहोली बंधुओं ने सिद्धरामयय को आश्वासन दिया है वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
गौरतलब है राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि जारकीहोली बंधु भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि, दोनों भाई- मंत्री रमेश जारकीहोली और पूर्व मंत्री सतीश जारकीहोली भाजपा के संपर्क में होने की चर्चाओं को खारिज करते हुए कह चुके हैं वे कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। रविवार को सतीश ने कहा कि वे दोनों भाई पार्टी नहीं छोड़ेंगे लेकिन विधायकों के कांग्रेस छोडऩे पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में विधायकों के बगावत के कारण सरकार गिरने के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे। उधर, रमेश ने अपने एक समर्थक को विधानसभा से विधान परिषद की तीन सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में टिकट देने की मांग की है। हालांकि, उन्होंने अभी पार्टी को नाम नहीं दिया है। जारकीहोली बंधु पहले ही अपने एक समर्थक को मंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं। जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष लक्ष्मी हेब्बालकर से विवाद के कारण जारकीहोली बंधु नाराज चल रहे हैं। दोनों भाइयों का आरोप है कि हेब्बालकर को समर्थन देकर शिवकुमार बेलगावी जिले की राजनीति पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।