कर्नाटक की गठबंंधन सरकार पर फिर मंडराया खतरा
आनंद सिंह ने दिया इस्तीफा, कई विधायकों के फोन स्विच ऑफ

बेंगलूरु. कर्नाटक में सत्तारूढ़ 13 माह पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की स्थिरता को लेकर फिर एक बार सवाल खड़े हो गए हैं। सोमवार को गठबंधन सरकार को उस समय झटका लगा जब विजयनगर (बल्लारी) के कांग्रेस विधायक आनंद सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
आनंद सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, रमेश कुमार ने इसकी पुष्टि नहीं की और कहा कि किसी भी विधायक ने उन्हें इस्तीफा नहीं दिया है। लेकिन, आनंद ङ्क्षसह ने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष यह कहते हैं कि उन्हें इस्तीफा नहीं मिला है तो वे उनसे मिलकर दोबारा इस्तीफा देने को तैयार हैं। इसके बाद आनंद सिंह राज्यपाल वज्जूभाई वाळा से मिलने राजभवन चले गए। यह राजनीतिक घटनाक्रम तब तेज हुआ है जब राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी निजी यात्रा पर अमरीका यात्रा गए हुए हैं। कुमारस्वामी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा कि उनकी नजर तमाम घटनाक्रम पर है। विपक्षी भाजपा उनकी सरकार को अस्थिर करना चाहती है।
इस बीच राज्य में सियासी घमासान और तेज होने के आसार हैं। यह राजनीतिक उठापटक तब तेज हुई है जब राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र 12 जुलाई से बुलाने का फैसला किया गया है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और जद-एस के कुछ और विधायकों का इस्तीफा देने की योजना है। इससे गठबंधन सरकार की परेशानियां बढ़ सकती हैं। कहा जा रहा है कि आनंद सिंह ने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से भेंट की और उसके बाद इस्तीफा दिया है। इस बीच राज्य के वन मंत्री सतीश जारकीहोली ने कहा कि किसी एक विधायक के इस्तीफा देने से सरकार की स्थिरता को लेकर कोई संकट नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक विधायकों का वहीं समूह फिर एक बार सरकार की स्थिरता के लिए खतरा बना हुआ है जिसने पिछले जनवरी माह में सरकार की मुसीबतें बढ़ा दी थीं। गोकाक के कांग्रेस विधायक रमेश जारकीहोली पिछले कई महीनों से नाराज चल रहे हैं और कथित तौर पर आनंद सिंह के इस्तीफे में उनका हाथ हो सकता है। इससे पहले जनवरी में एक रिसॉर्ट में आनंद सिंह और कंपल्ली के विधायक जेएन गणेश के बीच मारपीट हुई थी।
कांग्रेस के कई अन्य विधायक पार्टी के खिलाफ बोल रहे हैं। हाल ही में शिवाजीनगर के विधायक रोशन बेग को पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए निलंबित किया गया था। वहीं, हगरीबोमनहल्ली के विधायक भीमा नायक ने अपने ही पार्टी के मंत्री पीटी परमेश्वर नायक के खिलाफ कमीशन खोरी का आरोप लगाया था जिसके बाद पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी किया गया। भीमा नायक भी पिछले जनवरी में 7 गायब विधायकों में शामिल थे। इसके अलावा हिरेकेरुर के विधायक बीसी पाटिल और महेश कुमटहल्ली भी कथित तौर पर पार्टी से नाराज बताए जाते हैं।
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