किसी ने फोन उठाया भी तो बिस्तर खाली नहीं है, आइसीयू बिस्तर या ऑक्सीजन युक्त बिस्तर उपलब्ध नहीं है बोलकर मना कर दिया। अपने अगले ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि सरकार कोरोना वायरस के सामुदायिक संक्रमण से इनकार क्यों कर रही है? लॉकडाउन के तीन माह बाद भी भाजपा सरकार चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित कराने में तमाम मोर्चों पर विफल क्यों है? एम्बुलेंस के इंतजार में लोगों की सड़क पर जान क्यों जा रही है? सरकार निजी अस्पतालों के साथ मिलकर काम क्यों नहीं कर रही है? जांच की संख्या कम क्यों है? रैपिड एंटीजेन टेस्ट तकनीक का इस्तमाल क्यों नहीं हो रहा है?