मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा और राजस्व मंत्री आर. अशोक ने शाम में विधानसभा में कांग्रेस नेताओं के साथ मुलाकात कर उन्हें दिन-रात का धरना स्थगित करने के लिए मनाने की कोशिश की। लेकिन, कांग्रेस नेता अपने फैसले पर कायम रहे।
इससे पहले दोपहर में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या ने दोनों सदनों में कांग्रेस सदस्यों के दिन-रात धरना जारी रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि मामले को तार्किक अंत तक ले जाएंगे। इसके लिए कांग्रेस के सदस्य रात में भी दोनों सदनों में में विरोध जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार विपक्षी सदस्य विधानसभा में धरना दे चुके हैं। जुलाई 2019 में विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने जद-एस और कांग्रेस गठबंधन सरकार के समय मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के विश्वास मत हासिल करने में देरी के खिलाफ विधानसभा में धरना दिया था। वर्ष 2010 में भाजपा सरकार के समय कांग्रेस सदस्यों ने खनन घोटाले के खिलाफ धरना दिया था। सबसे पहले 1996 में जे एच पटेल सरकार के समय भाजपा के सदस्यों ने बिजली दरों में वृद्धि के खिलाफ धरना दिया था।