दिनेश गुंडूराव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए अन्य नेता भी जिम्मेदार हैं, लेकिन अध्यक्ष पद पर होने के कारण उनकी जिम्मेदारी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि वे हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं और इसे बाद में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजेंगे। उधर, एआइसीसी के महासचिव और कर्नाटक मामलों के प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि गुंडूराव का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है और वे कर्नाटक में पार्टी का नेतृत्व करते रहेंगे।
प्रेस से बात करते हुए गुंडूराव ने कहा कि वे हार के कारणों पर विस्तृत रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजेंगे और वे जो भी फैसला करेंंगे, उसे स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे एकदम अप्रत्याशित हैं और उन्हेंं जरा भी अंदेशा नहीं था कि कांग्रेस को ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इसे जनता का निर्णय बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी इसे शिरोधार्य करेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी के कई दिग्गज नेता चुनाव हार गए लेकिन जो भी परिणाम आए हैं, उन्हें स्वीकार करना पड़ेगा। मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है। मतदाताओं ने जज्बाती होकर भाजपा का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जनता ने देश की समस्याओं को नहीं देखा। नोटबंदी और जीएसटी के बाद आर्थिक व्यवस्था पर क्या असर पड़ा। देश में पहली बार रोजगार ेके अवसर खत्म हो गए। महंगाई, भ्रष्टाचार और देश की ज्वलंत सस्याओं को नहीं देखा गया। कांग्रेस आने वाले दिनों में अपना दबदबा कायम करेगी।
कांग्रेस ने जनता की विभिन्न समस्याओं को सामने रख कर इनका निवारण करने के लिए वोट मांगे था। मोदी ने धर्म, भारतीय सेना, सर्जिकल स्ट्राइक और अन्य विषयों को लेकर जनता को गुमराह किया। मतदाताओं को जल्द अपनी गलती का एहसास हो जाएगा। उन्होंने दोहराया कि गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं और वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी। भाजपा ने कुछ विधायकों को बरगलाया है, लेकिन कोई भी विधायक पार्टी नहीं छोड़ेगा और और जो पार्टी छोडऩा चाहता है तो उसे रोका नहीं जाएगा।