उन्होंने कहा कि जब वर्ष २०१३ में वे मुख्यमंत्री बने तब से उनकी सरकार हर साल भव्य तरीके से टीपू जयंती मना रही थी। प्रदेश के नब्बे फीसदी लोगों ने टीपू जयंती का स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि केवल दस फीसदी लोग जिन का संबंध भाजपा और आरएसएस से है, उन्होंने ने ही इसका विरोध किया था।
उन्होंने कथित आरोप लगाते हुए कहा कि टीपू जयंती के दौरान भाजपा और संघ के लोगों ने कानून व्यवस्था में बाधा डालकर हिंसक वारदातों को अंजाम दिया था। उनकी सरकार ने ऐसे उपद्रवियों के खिलाफ कई मुकदमे दायर किए थे। अब भाजपा सरकार इन मुकदमों को भी रद्द कर रही है।