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लिंगायतों के गढ़ को भेदना कांग्रेस की बड़ी चुनौती

locationबैंगलोरPublished: May 10, 2018 08:56:40 pm

Submitted by:

Ram Naresh Gautam

सोनिया गांधी भी इसी क्षेत्र में कांग्रेस के लिए जनसमर्थन मांगने आई

belgavi

राजेश कसेरा

बेलगावी. कर्नाटक में बेंगलूरु के बाद सबसे ज्यादा 18 विधानसभा सीटों वाला जिला बेलगावी (बेलगाम) इस बार भी कांग्रेस के लिए चिंता और चुनौतियों को भेदने का गढ़ है। पिछले चुनाव में सिर्फ छह सीटें जीतने वाली कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए इस क्षेत्र के मतदाताओं को दिल जीतना होगा। उसने यहां पूरा दम-खम झोंका है। सोनिया गांधी भी इसी क्षेत्र में कांग्रेस के लिए जनसमर्थन मांगने आई हैं। बल्लारी से सांसद रहने के दौरान सोनिया गांधी इस क्षेत्र में आया करती थीं। इधर, भाजपा भी बीते चुनाव में जीतीं आठ सीटों के आंकड़े को बढ़ाने बनाने की कोशिश में जुटी हैं।
लिंगायत बहुल राजनीति का प्रमुख केन्द्र बेलगावी कर्नाटक के चार संभागों में से एक है, जहां आर्थिक धुरी भी काफी तेजी से घूमती है।
बेलगावी शहर में विधानसभा की तीन सीटें हैं, जो महाराष्ट्र से सटी होने के कारण मराठी राजनीति का भी सक्रिय केन्द्र है। जिले की पांच सीटों पर सीधे-सीधे महाराष्ट्र एकीकरण समिति दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा को सीधे चुनौती देती है। प्रदेश के प्रमुख गन्ना उत्पादन क्षेत्रों में शामिल इस इलाके के किसान समृद्ध हैं, लेकिन उन तक सरकारी नीतियां प्रभावी तरीके से नहीं पहुंच पाईं।
ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं की नाराजगी भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती हैं। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येड्डियूरप्पा लिंगायत समाज से ही आते हैं। इसीलिए चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ता उनको रैय्यत बंधु (किसानों का हितैषी) और सिद्धारमय्या को किसान विरोधी बता रहे हैं । इतना ही नहीं, 3500 किसानों की मौत का जिम्मेदार भी कांग्रेस और सिद्धा को ठहरा रहे हैं।
शहरी और कस्बाई क्षेत्रों में जलसंकट, रोजगार और उद्योगों का विकास नहीं होने जैसी कई समस्याएं हैं। पति-पत्नी दोनों भाजपा से मैदान में निप्पानी सीट से भाजपा विधायक शशिकला जोल्ले को पार्टी ने फिर चुनाव मैदान में उतारा है। शशिकला अपने लिए तो वोट मांग ही रही हैं, साथ में पति अन्ना साहेब शंकर जोल्ले के लिए भी प्रचार कर रही हैं।
शंकर जोल्ले चिक्कोडी विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। दोनों विधानसभाएं नजदीक की होने से शशिकला को यदि पति के क्षेत्र से कोई मतदाता मिल जाता है तो उनके लिए वोट मांग लेती हैं। आपको बता दें कि शंकर जोल्ले चिक्कोड़ी सीट से ही 2003 और 2008 में चुनाव लड़े थे, पर हार गए। पार्टी ने 2013 में उन्हें निप्पानी से लडऩे का मौका दिया तो उन्होंने पत्नी को चुनाव का टिकट दिलवा दिया।
बेलगावी की निप्पानी और चिक्कोड़ी विधानसभा क्षेत्र में मराठा आबादी सबसे ज़्यादा है। इसलिए विशेष है बेलगावी प्रदेश की दूसरी राजधानी के तौर पर ख्यात बेलगावी में प्रदेश का दूसरी प्रशासिनक इमारत सुवर्णा विधानसौधा भी है, जहां सरकार का विशेष सत्र चलता है। हिंडल्गा केन्द्रीय कारागार भी है, जहां आजीवन कारावास के कैदियों को रखा जाता है। देश का सबसे ऊंचा 110 मीटर और 9600 वर्ग फीट का तिरंगा भी यहीं लहरा रहा है। पंजाब के अटारी में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर फहरा रहे तिरंगे से एक फीट ऊंचा यहां राष्ट्रीय ध्वज है।

इन सीटों पर जीत का संघर्ष जारी
निप्पानी, चिक्कोडी, अथनी, कागवाड, कुड़ची, रायबाग, हुक्केरी, अरभावी, गोकाक, यमकनमरडी, बेलगाम उत्तर, बेलगाम दक्षिण, बेलगाम ग्रामीण, खानापुर, कित्तूर, बेलहोंगल, सौंदत्ती-येलम्मा और रामदुर्ग। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस-6, भाजपा-8, केजीपी-1, बीएसआर कांग्रेस-1, अन्य-2 सीटें मिली थी।
कन्नड़ नहीं आती तो अवसर नहीं
बेलगावी में यह बात खासी चर्चा में रहती है कि यहां के लोगों को यदि कन्नड़ नहीं आएगी तो उन्हें किसी भी क्षेत्र में आगे बढऩे के अवसर नहीं मिल पाएंगे। मराठी समाज के प्रशांत सुथर ने बताया कि नौकरी से लेकर व्यवसाय खोलने के लिए सरकारी सहायता पाने में कन्नड़ को ही प्राथमिकता देते हैं। वहीं अप्रवासी राजस्थानी प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि किसी भी प्रतिष्ठान के बोर्ड, बैनर आदि पर यदि कन्नड़ भाषा का उल्लेख नहीं किया गया तो उसको तोड़ दिया जाता है।

महाराष्ट्र में जाने की मांग
सुप्रीम कोर्ट में क र्नाटक का अहम हिस्सा होने के बावजूद बेलगाम जिले की बेलगाम उत्तर, बेलगाम दक्षिण, बेलगाम ग्रामीण, निप्पानी, चिक्कोडी, खानापुर और बीदर जिले की भाल्की-औराद विधानसभाओं में मराठा समाज का खासा दबदबा है। इनके बीच से निकली महाराष्ट्र एकीकरण समिति की राजनीति बेलगावी संभाग को महाराष्ट्र में शामिल करने की मांग से ही चमकी है। इसके अलावा शिवसेना ने भी बेलगाम को लेकर मोर्चा खोल रखा है। सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित होने तक शिव सेना इसे संघीय प्रदेश घोषित करवाने की मांग लंबे समय से कर रही है।

अपणायत के रंग भी बहुत
बेलगावी में राजस्थान से आकर बसे लोग हजारों की संख्या में हैं, जो मिठाई, कपड़ा, बर्तन समेत प्रमुख व्यवसायों से जुड़े हैं। बेलगावी और प्रदेश के आर्थिक विकास में राजस्थानी खासा योगदान देते हैं। पाली का प्रसिद्ध गुलाब हलवा यहां कुंदा के नाम से लोकप्रिय होकर बिकता है।
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