बैंगलोर

कांग्रेस ने पीएम मोदी को बताया असंवेदनशील, कहा येडियूरप्पा पद छोड़ें

कहा, दक्षिणी राज्यों में बाढ़ से नुकसान पर मोदी चुप
बाढ़ राहत में नाकाम रहने का लगाया आरोप

बैंगलोरAug 19, 2019 / 07:54 pm

Santosh kumar Pandey

कांग्रेस ने पीएम मोदी को बताया असंवेदनशील, कहा येडियूरप्पा पद छोड़ें

बेंगलूरु. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने कहा कि मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा अगर बाढ़ प्रभावितों की मदद नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें अपने पद से हट जाना चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए गुंडूराव ने कहा कि एक-आदमी की सरकार बाढ़ प्रभावितों की हितों की रक्षा करने में नाकाम रही है। इससे भी बुरी बात यह है कि केंद्र ने राज्य को अब तक बाढ़ राहत कार्यों के लिए एक भी रुपया जारी नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो देश में लोगों को संदेश देने के लिए बड़े पैमाने पर ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल सहित दक्षिणी राज्यों में बाढ़ से हुए नुकसान पर चुप हैं। वे एक अमानवीय प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं और उनके पास प्रतिबद्धता की कमी है। जो उनके खिलाफ बोलता है उन्हें या तो हिंदू विरोधी या देशद्रोही करार दिया जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कि राज्य के 50 फीसदी जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। सार्वजनिक और निजी संपत्तियां बाढ़ के पानी में बह गई और कइयों को जान गंवानी पड़ी। मोदी ने इसपर शोक तक व्यक्त नहीं किया। यह वाकई आश्चर्यजनक है।
अभी तक सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई
मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य बाढ़ से तबाह है, लेकिन, मुख्यमंत्री बी एस येडियूरप्पा ने अभी तक सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई है। भाजपा नेता तीनों दलों के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली में ले जा सकते थे ताकि केंद्र से बाढ़ राहत कार्यों के लिए धन जारी करने का आग्रह किया जा सके। लेकिन, मुख्यमंत्री ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। राज्य सरकार को केंद्र से आग्रह करना चाहिए कि वह बाढ़ राहत कार्यों के लिए राज्य को अंतरिम राहत के तौर पर 5 हजार करोड़ रुपए जारी करे। यदि नहीं, तो बीएस येडियूरप्पा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। कैबिनेट में मंत्री नहीं होने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रभारी मंत्रियों की अनुपस्थिति बाढ़ राहत कार्यों को प्रभावित कर रही है।
हालांकि, कुछ जिला उपायुक्त अपने कर्तव्य बेहद तत्परता के साथ निभा रहे हैं लेकिन प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति से राहत कार्यों पर व्यापक असर होता। वर्ष 2009 में जब मनमोहन ङ्क्षसह प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को दौरा किया और बाढ़ राहत के लिए 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक जारी किए थे। लेकिन, केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के लिए अनुदान जारी करने में नाकाम रही है। केंद्रीय मंत्रियों की यात्रा का मजाक उड़ाते हुए, उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। लेकिन वे एक घोषणा करने में विफल रहे।
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