कांग्रेस और जनता दल-एस की गठबंधन सरकार को सत्ताच्युत करने के तमाम प्रयास असफल होने के बाद अब भाजपा के तेवर ढीले पड़ गए हैं।
कांग्रेस ने विफलता छिपाने को गढ़ी कहानी : येड्डियूरप्पा
तख्ता पलट के प्रयास में मुंह की खाकर लौटे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष आपरेशन कमल से किया इनकार बेंगलूरु. कांग्रेस और जनता दल-एस की गठबंधन सरकार को सत्ताच्युत करने के तमाम प्रयास असफल होने के बाद अब भाजपा के तेवर ढीले पड़ गए हैं। येड्डियूरप्पा ने सिद्धगंगा मठ के प्रमुख डॉ. शिवकुमार स्वामी से भेंट करने के लिए तुमकूरु रवाना होने से पहले अपने निवास पर कहा कि भाजपा ने सत्तारूढ़ दलों के विधायकों को लुभाने के लिए कोई ऑपरेशन कमल नहीं चलाया है और हमने इस सरकार को अस्थिर करने का कोई प्रयास नहीं किया है। गठबंधन के घटक दलों के विधायकों के बीच बढ़ रहे असंतोष पर पर्दा डालने के लिए झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायकों को केवल लोकसभा चुनाव पर विचार विमर्श करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुलाया गया था। हम यदि अपने विधायकों को दिल्ली या हरियाणा ले जाते हैं तो उनको चिंता क्यों हो रही है? गठबंधन के नेता भाजपा को बदनाम पर पर तुले हैं, जिसकी राजनीतिक इतिहास में अपनी ही विश्वसनीयता रही है।
उन्होंने जनता-दल एस के नेताओं से भाजपा के उन छह विधायकों के नाम बताने की मांग की जो उनके साथ संपर्क में बताए जा रहे हैं। यदि यह सच है तो उनको इन विधायकों के नामों का खुलासा करना चाहिए।
येड्डियूरप्पा ने आपरेशन कमल के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि गठबंधन सरकार सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालने के लिए गठबधन के घटक दलों के नेताओं ने ही यह कहानी फैलाई है। सत्ता में सात माह से रहने के बावजूद यह सरकार अभी तक टेकऑफ नहीं कर पाई है।