पशु वध प्रतिबंधक विधेयक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस
- नेताओं ने कहा, राज्यपाल से करेंगे शिकायत

बेंगलूरु. प्रदेश कांग्रेस ने विधान परिषद में पशु वध विधेयक पारित करने के तरीके की राज्यपाल से शिकायत करने और कानूनी लड़ाई लडऩे की घोषणा की है।
विधान परिषद के सदस्य सीएम इब्राहिम और पीआर रमेश ने कहा कि विधान परिषद में हंगामे, शोर शराबे और आरोप-प्रत्यारोप के बीच पशु वध निषेध विधेयक पारित कर दिया गया। इसकी शिकायत राज्यपाल से करने के अलावा कानूनी लड़ाई का फैसला किया गया है। भाजपा सरकार ने सदन की कार्यवाही नियमनुसार नहीं कराई।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उप सभापति एमके प्राणेश ने अचानक कर्नाटक पशुवध निषेध और संरक्षण अधिनियम -2020 विधेयक को पारित कर दिया। राज्यपाल के भाषण पर चर्चा को रोकना सदन की मर्यादा के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि आज तक विधान परिषद के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। सदन की कार्यवाही नियम के अनुसार चलाई जाती है। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा स्थगित कर विधेयक पेश करने की जरूरत नहीं थी। इस विधेेयक के लिए मतदान कराया जाता तो सरकार को हार का सामना करना पड़ता। सरकार चुनौती स्वीकार करे। कोई भी विधेयक पारित करने से पहले इस पर चर्चा जरूरी है। प्राणेश ने चर्चा नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में पशु वध निषेध कानून लागू करने के अलावा मांस के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाए।
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