धर्म से किसी को जोडऩा आसान काम नहीं है। कोई शक्ति सम्पन्न ही यह काम कर सकता है। जो धर्म से चलायमान नहीं होता वही शक्ति सम्पन्न कहलाता है। धर्म में दृढ रहने के लिए आंतरिक शक्ति की जरूरत होती है।
मुनि ने बताया खानपान से औदारिक मजबूत बन सकता है, परंतु तेजस और कार्मण रूपी सूक्ष्म शरीर खानपान से बलिष्ठ नहीं बनाया जा सकता। सूक्ष्म शरीर मजबूत न होने पर क्रांतिकारी कदम नहीं उठा पाते। वीर लोक शाह संत नहीं बने लेकिन वे ऐसे महापुरुष थे, जिनका आंतरिक बल इतना मजबूत था कि जिस समय शास्त्र विरुद्ध आचरण होने लगा था, लोगों को भ्रमित किया जा रहा था। ऐसे समय में आगमों में लिखे सत्य को पढ़ते हुए वीर लोकशाह का मन ऐसा आंदोलित हुआ कि उन्होंने प्राण प्रण लिया की जन जन तक आगम की सही जानकारी पहुंचनी चाहिए।
उन्होने नुक्कड़ सभाओं का आयोजन कर लोगों को एकत्र कर उन्हें सत्य से परिचय कराया। उन्होंने धर्म के सही प्रचार के लिए लोका कच्छ की स्थापना की तथा ४५ व्यक्तियों को धर्म प्रचार के लिए दीक्षा देकर आगे बढ़ाया। उसके पश्चात लवऋषि ने लोक शाह के इस क्रांतिकारी कदम को आगे बढ़ाते हुए स्थानकवासी धर्म को जीवित कर उसमें प्राण फूंके तथा लोगों को सत्य से जोड़ा।
मुनि ने कहा कि वीर लोकशाह ने ऐसी धर्म की क्रान्ति की कि स्थानकवासी के लिए वह धर्म प्राण बन गए। आज के प्रवचन में राजाजीनगर एवं जयनगर संघ ने मुनि के समक्ष चातुर्मास की विनती रखी। संचालन संघ के मंत्री मनोहरलाल बंब ने किया।
मुनि ने कहा कि वीर लोकशाह ने ऐसी धर्म की क्रान्ति की कि स्थानकवासी के लिए वह धर्म प्राण बन गए। आज के प्रवचन में राजाजीनगर एवं जयनगर संघ ने मुनि के समक्ष चातुर्मास की विनती रखी। संचालन संघ के मंत्री मनोहरलाल बंब ने किया।
आगामी चातुर्मास की विनती
डॉ. समकित मुनि के समक्ष राजाजीनगर संघ के पदाधिकारी आगामी चातुर्मास की विनती करने पहुंचे। मानदमंत्री प्रकाशचंद चानोदिया ने विनती पत्र का वाचन किया और उपस्थित सदस्यों ने विनती पत्र गुरुदेव को सौंपा। डॉ. समकित मुनि ने विनती को सुमति प्रकाश के पास भेजने की बात कही।
विनती के समय राजाजीनगर से किशोरकुमार दलाल, प्रकाशचंद चानोदिया, पारसमल भलगट, मिश्रीमल कटारिया, मोतीलाल दलाल, गुलाबचंद पगारिया, जंबुकुमार दुगड़, नेमीचंद बाबेल व अन्य के साथ ही एवं सूले संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य गण मौजूद थे।
डॉ. समकित मुनि के समक्ष राजाजीनगर संघ के पदाधिकारी आगामी चातुर्मास की विनती करने पहुंचे। मानदमंत्री प्रकाशचंद चानोदिया ने विनती पत्र का वाचन किया और उपस्थित सदस्यों ने विनती पत्र गुरुदेव को सौंपा। डॉ. समकित मुनि ने विनती को सुमति प्रकाश के पास भेजने की बात कही।
विनती के समय राजाजीनगर से किशोरकुमार दलाल, प्रकाशचंद चानोदिया, पारसमल भलगट, मिश्रीमल कटारिया, मोतीलाल दलाल, गुलाबचंद पगारिया, जंबुकुमार दुगड़, नेमीचंद बाबेल व अन्य के साथ ही एवं सूले संघ के पदाधिकारी एवं सदस्य गण मौजूद थे।