https://www.patrika.com/hubli-channel2/congress-protest-against-the-arrest-of-dk-shivakumar-5050379/ चुनाव से पहले ही जेल भिजवा सकते थे शिवकुमार के ठिकानों पर 2017 में छापे पड़े थे और यदि हमने द्वेष की राजनीति की होती तो उनको चुनाव से पहले ही जेल भिजवा सकते थे। अपना चेहरा बचाने के लिए कांग्रेसजन अब निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में जब शिवकुमार के ठिकानों पर छापे पड़े तब कांग्रेस सत्ता में थी और सिद्धरामय्या मुख्यमंत्री थे। उन्हें संदेह है कि शिवकुमार को प्रभावशाली नेता के तौर पर उभरता देख सिद्धरामय्या ने उन्हें साजिश में फंंसाया।