उधर, उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता डॉ जी परमेश्वर ने कहा कि भाजपा नेताओं को कुमारस्वामी के बयान को बेवजह राजनीतिक तूल देने के बजाय उसे विरोध के आह्वान के तौर पर लेना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि जद-एस विधायकों की बैठक में एक-दो को छोड़कर सभी विधायक मौजूद थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बैठक में 37 में से 35 विधायकों ने भाग लिया। हालांकि, पहले सिर्फ 24 विधायकों के ही बैठक में पहुंचने की चर्चा थी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सरकार के स्थिर और सुरक्षित होने का दावा करते हुए कहा कि गठबंधन के सभी विधायक अपनी-अपनी पार्टी और वरिष्ठ नेताओं के निरंतर संपर्क में हैं।
कुमारस्वामी ने कहा कि जो विधायक बेंगलूरु अथवा राज्य के बाहर दूसरे शहरों में हैं वे भी पार्टी को सूचना देकर गए हैं, इसलिए भाजपा के ऑपरेशन कमल के तहत किसी विधायक के बाहर होने की चर्चाएं आधारहीन हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि तुमकूरु के जद-एस विधायक गौरी शंकर अपने पिता का उपचार कराने सिंगापुर गए हैं जबकि कांग्रेस के एमबीटी नागराज मुंबई हैं और इसकी जानकारी नागराज ने कांग्रेस के साथ ही मुझे भी दी थी। कुमारस्वामी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश भाजपा नेताओं के ऑपरेशन कमल के जरिए विधायकों को तोडऩे की कोशिश और उनके व्यवहार की जानकारी देंगे। इसके बारे में वे केंद्रीय गृह मंत्री को भी अवगत कराएंगे।
गठबंधन के विधायकों से संपर्क करने की कोशिश करने वाले भाजपा के कथित मध्यस्थ उदय गौड़ा के बारे में पूछे जाने पर कुमारस्वामी ने कहा कि वह भगोड़ा है और पुलिस ने श्रीलंका में उसके ठिकाने का पता लगा लिया है। कुमारस्वामी ने दावा किया कि भाजपा ने जद-एस के जिन विधायकों से संपर्क किया था उनमें से उन्होंने नागमंगला विधायक सुरेश गौड़ा को उनसे मुलाकात के लिए भेजा था। गौड़ा जब येड्डियूरप्पा से मिलने गए तो उन्होंने अपना मोबाइल फोन चालू रखा और उन दोनों के बीच जो भी बातचीत हुई उसे उन्होंने रिकार्ड कर लिया। उन्होंने कहा कि वे उचित समय पर इसे सार्वजनिक करेंगे।