बैंगलोर

भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक के लिए छत्र का निर्माण

यह छत्र 15 फीट ऊंचा है। पहले छत्र की गोलाई 18 फीट, दूसरे छत्र की गोलाई 12 फीट और तीसरे छत्र की गोलाई 9 फीट है…

बैंगलोरFeb 14, 2018 / 01:03 pm

Arvind Mohan Sharma

मुनि पूज्य सागर महाराज
छत्र बनाने में साढ़े चार महीने लगे और इस का वजन 1250 किलो है

 

श्रवणबेलगोला.भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक के लिए छत्र का निर्माण किया गया है। यह छत्र 15 फीट ऊंचा है। पहले छत्र की गोलाई 18 फीट, दूसरे छत्र की गोलाई 12 फीट और तीसरे छत्र की गोलाई 9 फीट है। स्टील के बने इस छत्र पर तांबे और पीतल की कोटिंग की गई है और फिर उस पर सोने का पानी चढ़ा है। इसे बनाने में साढ़े चार महीने लगे और इस का वजन 1250 किलो है। गौरतलब है कि पिछले महामस्तकाभिषेक के लिए बने छत्र का वजन 4500 किलो था।
 

आठ राज्य, 3500 हजार स्काउट्स एंड गाइड्स, एक मिशन सेवा…
श्रवणबेलगोला. भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक के सफल आयोजन के लिए शासन, प्रशासन और महोत्सव समिति के अलावा श्रद्धालुओं की सेवा में जो जी-जान से जुटे हैं, वे हैं साढ़े तीन हजार स्काउट्स एंड गाइड्स। आठ राज्यों से आए ये स्काउट्स एंड गाइड्स विंध्यगिरि पहाड़ पर पहुंचने वाले यात्रियों की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ये 26 फरवरी तक यहां काम करेंगे। ये स्काउट्स एंड गाइड्स दो शिफ्ट में काम करते हैं। पहली शिफ्ट सुबह सात बजे से शुरू होती है और दोपहर दो बजे तक चलती है और दूसरी शिफ्ट दोपहर दो बजे शुरू होकर शाम सात बजे खत्म होती है। एक शिफ्ट में 140 स्काउट्स एंड गाइड्स काम करते हैं, जिनमें लडक़े और लड़कियों की संख्या बराबर-बराबर होती है। विंध्यगिरि पहाड़ पर दर्शन करने जा रहे भक्तों के लिए हर 40 फीट पर पानी की केन लेकर ये स्काउट्स और गाइड्स खड़े रहते हैं। सेवा करने वाले स्काउट्स एंड गाइड्स की टीम हर पांच दिन में बदल जाती है। विंध्यगिरि पहाड़ पर काम कर रही स्काउट्स एंड गाइड्स की टीम के प्रमुख के मुताबिक, ये सभी बच्चे हाई स्कूल में पढ़ते हैं और यहां आकर बेहद खुश हैं। वहीं महोत्सव में जारी गतिविधियों के बारे में श्रवणबेलगोला जैन मठ के भट्टराक कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारूकीर्ति स्वामी ने बताया कि होत्सव में देश के बड़े महानगरों से भी भक्तगण यहां पहुंच रहे हैं। बीते सोमवार को समाचार लिखे जाने तक 8000 लोग पहाड़ पर दर्शन करने पहुंचे तो 20 से 25 हजार लोग बीते सोमवार को चामुंडराय में भगवान आदिनाथ की केवलज्ञान पूजा में पहुंचे थे।
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