एआइयूटीयूसी (All India United Trade Union Centre) के अध्यक्ष सोमशेखर ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में नर्स, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर्स, स्वास्थ्य सहायक और डी-ग्रुप के कर्मचारियों को स्थाई रूप से भर्ती होने तक रिक्त पदों पर रहने के लिए कहा गया था। कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने ठेका कर्मियों को काम पर रखा और मामले घटने के बाद सभी का निपटारा कर दिया। सरकार ने अब 6,000 से अधिक कर्मचारियों को सड़क पर धकेल दिया है। सरकार ने उन कोविड योद्धाओं का अपमान किया है, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लाखों लोगों की जान बचाई है।
सोमशेखर ने हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की ओर से स्वास्थ्य विभाग की निदेशक इंदुमती को ज्ञापन सौंपा।
दरअसल प्रदर्शन एक दिन का था। लेकिन, सरकार और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के कारण सभी ने धरना जारी रखने का निर्णय लिया।
24 घंटे में 77 नए मरीज, 44 हुए स्वस्थ
बेंगलूरु. राज्य में बीते 24 घंटे में कोविड के 77 नए मरीज मिले और 44 लोग स्वस्थ हुए। अब तक संक्रमित कुल 39,45,900 लोगों में से 39,04,342 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं और रिकवरी दर 98.94 फीसदी है।
राज्य में अब 1,459 सक्रिय मामले हैं। कोविड से कुल 40,057 मरीजों की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को एक मौत की पुष्टि की। राज्य में शुक्रवार को पॉजिटिविटी दर 0.64 फीसदी रही।
95 फीसदी नए मामले बेंगलूरु से
77 में से 73 मामले बेंगलूरु शहर में सामने आए हैं। अब तक संक्रमित कुल 17,81,986 लोगों में से 17,63,638 लोग स्वस्थ हुए हैं। रिकवरी दर 98.97 फीसदी है और कोविड से 16,962 मरीजों की मौत हुई है।
दक्षिण कन्नड़ जिले में दो जबकि गदग व मैसूरु जिले में एक-एक नया मामला सामने आया है।
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में गत 24 घंटे में 2,983 रैपिड एंटीजन और 8,876 आरटी-पीसीआर जांच सहित कुल 11,859 नए सैंपल जांचे।
12-14 आयु वर्ष के 30,441 सहित 66,096 लोगों का टीकाकरण हुआ।