आम चुनाव में गठबंधन की हार के बाद मौन साधे बैठे एचडी देवगौड़ा ने रविवार रात नई दिल्ली में राहुल गांधी से भेंट की। सूत्रों के अनुसार देवगौड़ा ने राहुल से कहा कि समन्वय समिति के अध्यक्ष व कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरामय्या व उनके समर्थकों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण कर्नाटक के लोगों ने गठबंधन के प्रत्याशियों का समर्थन नहीं किया।
दक्षिणी राज्यों में कर्नाटक के अलावा अन्य किसी राज्य में भाजपा को इतना अधिक जन समर्थन कहीं नहीं मिला। देवगौड़ा ने राहुल से यह भी कहा कि कर्नाटक में हमारी पार्टी के नेताओं के खिलाफ द्वेष की राजनीति करने और गठबंधन के हितों की बलि देने के कारण के कारण राज्य में भाजपा को अधिक सीटों पर जीत मिली है।
पिछले एक साल से सिद्धरामय्या व उनके समर्थकों के दबाव के कारण राज्य सरकार के लिए चैन से प्रशासन चला पाना संभव नहीं हो पाया। सिद्धरामय्या को दोनों दलों के बीच समन्वय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन उन्होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले अपनी ही पार्टी के नेताओं पर अंकुश नहीं लगाया। देवगौड़ा ने बातचीत के दौरान दो टूक कहा कि यदि यही हालात जारी रहते हैं तो हमें सत्ता गंवानी पड़ सकती है। सिद्धरामय्या व उनके समर्थकों का दबाव झेलते रहना अब संभव नहीं है। यदि मल्लिकार्जुन खरगे को समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया जाता है तो हालात सुधर सकते हैं। देवेगौड़ा ने राहुल गांधी से इस बारे में निर्णय करने की सलाह देने के साथ ही मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के संबंध में उनके साथ विमर्श भी किया।
मंत्रिमंडल में मुस्लिम अल्पसंख्यक को प्रतिनिधित्व मिले: विश्वनाथ
बेंगलूरु. जनता दल-एस के प्रदेश अध्यक्ष एएच विश्वनाथ ने मुख्यमंत्री से मंत्रिमंडल में मुस्लिम सदस्य को प्रतिनिधित्व देने का अनुरोध किया है। कुमारस्वामी मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्छा जता चुके विश्वनाथ ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जद-एस ने कांग्रेस के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाते समय किसी मुस्लिम समुदाय के शख्स को मंत्री नहीं बनाकर गलती की है।
तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। हाल में संपन्न शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी को अल्पसंख्यक समुदाय से अच्छा समर्थन मिला। जद-एस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले निकाय के सदस्यों में से 40 फीसदी मुस्लिम समुदाय से हैं और इस बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने भी संतोष व्यक्त किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से जनता दल-एस के कोटे से एक मंत्री पद दलित विधायक के लिए भी आरक्षित करने की सिफारिश की। जद-एस के प्रदेश अध्यक्ष पद छोडऩे के बारे में उन्होंने कहा कि त्यागपत्र वापस नहीं लेंगे। वे एक कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी में बने रहेंगे और हुणसूर के विधायक के तौर पर अपना काम करेंंगे। अभी उनका इस्तीफा पार्टी ने स्वीकार नहीं किया है।