मंत्री के अनुसार इस विभाग को मौजूदा जड़त्व से उभारकर फिर एक बार सक्रिय करने के लिए इस विभाग में उन अधिकारियों को वापस बुलाया जाएगा जिनको अन्य प्रशासनिक सेवाओं में समाहित किया गया है। ऐसे तजुर्बेवाले अधिकारियों से इस विभाग को फिर एक बार ऊर्जावान बनाने के लिए वे एक कार्ययोजना तैयार कर रहें है।मु यमंत्री के साथ विचार-विमर्श के पश्चात इस कार्ययोजना को लागू किया जाएगा। इस कार्ययोजना से ग्रामीण विकास को गति मिलेगी।
तो रूक सकता है शहरों की ओर पलायन मंत्री के अनुसार इस विभाग में मौजूदा कई अधिकारी केवल नाम के वास्ते दायित्व निभा रहें है। इस कारण से सहकारिता विभाग अपेक्षित स्तर पर सक्रिय नहीं है। इस क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण विकास को नया आयाम देने के साथ ग्रामीण क्षेत्र में ही सैकड़ों रोजगारों का सृजन संभव है। इस कारण से रोजगारों की तलाशी में श्रमिकों का शहरों की ओर पलायन को रोका जा सकता है।
सेवानियोजन के कारण विभाग कमजोर सहकारिता मंत्री के अनुसार कर्नाटक लोकसेवा आयोग की परीक्षाएं देकर सहकारिता विभाग के लिए चयनित कई प्रत्याशी अब अल्पसंख्यक सचिवालय, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज, बीबीएमपी, बीडीए तथा विभिन्न जिलों के प्रशासनिक पदों पर कार्य कर रहें हैं।इस कारण से विभाग में कई पद रिक्त होने के कारण फाइलों का निपटारा तेजी से संभव नहीं हो रहा है। हमे समय के साथ चलते हुए इस विभाग को सक्रिय बनाना होगा।तभी जाकर हम इस विभाग में कई वर्षों से लंबित कार्य पूरा कर सकते है।