प्रदेश में जिनके घर हैं उनके लिए होम क्वारंटाइन (home Quanantine) बेहतर है। समिति के सदस्य डॉ. गिरिधर बाबू ने कहा कि संस्थागत क्वारंटाइन के खतरों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के 40 फीसदी से ज्यादा कोरोना मरीज क्वारंटाइन केंद्रों से हैं। हर उस व्यक्ति के लिए होम क्वारंटाइन उपयुक्त है जो इसमें सक्षम हैं। डॉ. बाबू ने बताया कि उन्होंने हर बैठक में सरकार को बताया कि संस्थागत क्वारंटन के कारण कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों से कर्नाटक लौटने वाले प्रवासियों को कितने दिनों तक क्वारंटान रखना है इसका निर्णय जिला प्रशासन का अधिकार क्षेत्र होगा। उदाहरण के लिए हासन जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र से लौटे प्रवासियों को दो सप्ताह तक संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों में रखने का निर्णय किया है जबकि एक सप्ताह रखने का नियम है।