मुख्यमंत्री येडियूरप्पा ने आवासीय कार्यालय कृष्णा में इस मसले पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया और इस दौरान मिली जानकारी के आधार पर यह निर्णय किया है। उन्होंने पुलिस को रात के समय बिना अनुमति राज्य में चोरी छिपे घुसने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
मंड्या व चिकबल्लापुर के जिलाधिकारियों से विडियो कान्फ्रेंङ्क्षसग में मिली जानकारी के आधार पर वे इस नतीजे पर पहुंचे कि महाराष्ट्र से आ रहे प्रवासी ही संक्रमण फैलने का सबसे बड़ा कारण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई, अहमदाबाद तथा तेलंगाना से राज्य में प्रवेश करने वाले अधिकतर लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसमें से मुंबई की झुग्गी बस्तियों से आने वाले लोगों के संक्रमित होकर आने की पुष्टि हुई है। पिछले एक सप्ताह से महाराष्ट्र से लौट रहे प्रवासियों के कारण राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण के पॉजिटिव केसों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
वहां की सरकार ने भी राज्य से बाहर जाने वालों को खुली छूट दे रखी है। ये लोग वहां पर मेहनत मजदूरी कर रहे थे और समूहों के रूप में राज्य में प्रवेश कर रहे हैं।
अनिवार्य तौर पर क्वारंटाइन करना होगा मुख्यमंत्री ने कहा कि वे हमारे ही लोग हैं और कोरोना के नाम पर उनको बाहर नहीं भगाया जा सकता। लेकिन भय है कि ये लोग गांवों में जाकर कोरोना संक्रमण न फैला दें। लिहाजा हमें पहले अपनी सीमाएं सील करनी होंगी और इसके बाद अनुमति लेकर आने वालों को अनिवार्य तौर पर क्वारंटाइन करना होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने क्वारंटाइन किए गए लोगों का प्राथमिक उपचार करने तथा उन लोगों को अपने गांव जाने से रोकने के तमाम कदम उठाने के स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने क्वारंटाइन किए गए लोगों का प्राथमिक उपचार करने तथा उन लोगों को अपने गांव जाने से रोकने के तमाम कदम उठाने के स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि अब से आगे किसी भी गांव में नए व्यक्ति के प्रवेश करने पर ऐसे लोगों का पता लगाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है। ये आशा कार्यकर्ता किसी भी नए व्यक्ति के आने पर इस बारे में पुलिस को सूचित करेंगी और इसके बाद जिला प्रशासन को आगे की कार्रवाई करने के कड़े निर्देश दिए हैं।