देवस्थान विभाग के एक अधिकारी के अनुसार चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि अर्थात् रामनवमी पर ऐसा सन्नाटा बेंगलूरु में पहली बार देखा गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। यह अनुशासन नागरिकों के लिए तो अच्छा है ही, देश के लिए भी अच्छा ही है।
राजाजीनगर स्थित राममंदिर के पास भी सन्नाटा पसरा रहा। समूचे इलाके में दूर-दूर तक जागरूकता व अनुशासन की अदृश्य उपस्थिति रही। मंदिर के पुजारी के अनुसार कोविड-१९ के कारण कफ्र्यू जैसी स्थिति है। रामनवमी इस बार मंदिरों के बजाय लोग घर में ही मना रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि मंदिर से भक्तों को प्रसाद नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि हमने स्वयं भक्तों को यही सलाह दी है कि वे घर में ही रहें और भगवान की पूजा करें।
रामनवमी का आयोजन केवल मंदिरों में होता है, ऐसा नहीं। रामनवमी के मौके पर समूचा शहर राममय नजर आता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। रामनवमी के मौके पर जगह-जगह पर प्रसाद वितरण होता है। कई दिनों तक चलने वाले संास्कृतिक समारोहों का आयोजन होता है जिनमें रामकथाओं की संगीतमय प्रस्तुति होती है और शाीय संगीत के कार्यक्रम भी होते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यदि हालात सामान्य हुए तो सांस्कृतिक कार्यक्रम अवश्य आयोजित किए जाएंगे।