मैसूरु के जिलाधिकारी अभिराम जी. शंकर ने बताया कि 20 जून को पहले शिशु का जन्म हुआ और इसके बाद से 27 जुलाई तक 53 शिशुओं की किलकारी गूंजी। 28 लड़के व 25 लड़कियों का जन्म हुआ। 53 में से 41 प्रसव सीजेरियन हुए। शंकर ने बताया कि अस्पताल आधुनिक सुविधाओं से लैस है और आइसोलेशन की व्यवस्था भी है।
अस्पताल की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि नवजातों को संक्रमण से बचाए रखने के लिए उन्हें मां से अलग रखा जाता है। स्तनपान कराने के लिए ही शिशु को मां को सौंपा जाता है। स्तनपान से वायरस नहीं फैलता और मां सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करती हैं।
उल्लेखनीय है कि बेंगलूरु के विक्टोरिया अस्पताल परिसर स्थित ट्रॉमा एंड इमरजेंसी केयर केंद्र वाणी विलास अस्पताल की मदद से 160 से भी ज्यादा ऐसे प्रसव कराने में सफल रहा है। सभी शिशु संक्रमण मुक्त थे।