केरल में बढ़ते मामले भी एक कारण दक्षिण कन्नड़ के उपायुक्त के. वी.राजेंद्र ने कहा कि केरल के कुछ क्षेत्रों में सकारात्मकता दर 13 प्रतिशत से 14 प्रतिशत के बीच है। यह दक्षिण कन्नड़ जिले में फिर से फैलने वाले संक्रमण का एक कारण हो सकता है। लॉकडाउन में ढील के बाद विभिन्न गतिविधियों को खोलने के कारण भी मामलों में वृध्दि हो सकती है। इसके साथ ही कोविड-19 के उचित व्यवहार के पालन में लापरवाही बरतने वाले लोगों ने भी मामलों की वृद्धि में योगदान दिया है।
डॉ. राजेंद्र ने कहा कि जिले में अब भी प्रतिदिन औसतन 7,500 से 8,000 स्वाब के नमूनों की जांच की जा रही है। औसत सकारात्मकता दर 3.76 प्रतिशत से 4 प्रतिशत है। वहीं हाल ही गुरुवार को औसत सकारात्मकता दर 5.76 प्रतिशत हो गई थी। उन्होंने कहा कि हम अगले महीने से सैंपल टेस्ट को बढ़ाकर रोजाना 10,000 करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने पर चर्चा करेगा।
डॉ. राजेंद्र ने कहा कि जिले में अब भी प्रतिदिन औसतन 7,500 से 8,000 स्वाब के नमूनों की जांच की जा रही है। औसत सकारात्मकता दर 3.76 प्रतिशत से 4 प्रतिशत है। वहीं हाल ही गुरुवार को औसत सकारात्मकता दर 5.76 प्रतिशत हो गई थी। उन्होंने कहा कि हम अगले महीने से सैंपल टेस्ट को बढ़ाकर रोजाना 10,000 करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने पर चर्चा करेगा।
13 स्थानों पर चल रहा टेस्ट दक्षिण कन्नड़ जिला स्वास्थ्य और परिवार कल्याण अधिकारी किशोर कुमार ने कहा कि केरल और अन्य राज्यों से प्रवेश करने वालों के स्वाब के नमूने दक्षिण कन्नड़ में 13 स्थानों पर एकत्र किए जा रहे हैं। सरकारी वेनलॉक अस्पताल के मुख्य कोविड नोडल अधिकारी अन्नाय्या कुलाल ने कहा कि चूंकि दोनों तटीय जिले शिक्षा और चिकित्सा के केंद्र हैं, इसलिए यहां लोगों की आवाजाही अधिक है।
रविवार को भी बढ़े कोरोना के मामले बता दें कि उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों में मिलाकर शुक्रवार को ५०० नए संक्रमित थे जबकि शनिवार को दोनों जिलों में मिलाकर 513 नए संक्रमित हुए थे वहीं बेंगलूरु शहरी जिले में शनिवार को 450 नए संक्रमित थे। रविवार को बेंगलूरु में जहां 409 नए लोग संक्रमित हुए वहीं इन दोनों जिलों में संक्रमितों की संख्या 572 रही।