मई में 1647 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण हुआ। इनमें से 1,645 नमूनों में बीए.2 की पुष्टि हुई जबकि 58 मरीज बी.1.1.529 वैरिएंट से संक्रमित निकले। इस वर्ष मार्च-अप्रेल में जांचे गए 2,364 नमूनों में से 92.4 फीसदी नमूनों में बीए.2 उजागर हुआ। 26 मई से पहले के सप्ताह में 908 जबकि इसके बाद से दो जून तक 1,338 नए मामले सामने आए। राज्य में अस्पताल में दाखिले में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई है।
कोविड वॉर रूम के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कोविड का कोई भी मरीज अस्पताल या कोविड देखभाल केंद्र में भर्ती नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब नौ मरीज भर्ती हैं। सभी सरकारी अस्पतालों के जनरल वार्ड में हैं।
प्राकृतिक, वैक्सीन प्रेरित प्रतिरक्षा कारगर
स्वास्थ्य आयुक्त रणदीप डी. ने बताया कि अन्य देशों की तरह बीए.2 वैरिएंट ने भारत या कर्नाटक को गंभीर रूप से प्रभावित नहीं किया है। प्राकृतिक और वैक्सीन प्रेरित प्रतिरक्षा दोनों के कारण विषाणु कम हो गया है। इसके अलावा, राज्य में लक्षण वाले मरीजों के लिए एक मानकीकृत उपचार प्रोटोकॉल है। इससे इन-पेशेंट और आउट-पेशेंट देखभाल दोनों में मदद मिली है। मामले थोड़े बढ़ रहे हैं, अस्पताल में भर्ती होने और मरने वालों की संख्या न्यूनतम है।