कोरोनावायरस : दहशत नहीं मगर, आम जन-जीवन पर असर
बैंगलोरPublished: Mar 15, 2020 02:05:07 pm
मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या कम
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बेंगलूरु.
कोरोनावायरस के कारण शनिवार से शहर आंशिक रूप तौर पर बंद हो गया मगर लोगों में दहशत जैसी कोई बात नहीं है। हालांकि, लोग सतर्क नजर आए और भीड़-भाड़ वाले जगहों से दूरी बनाने लगे हैं।
मॉल, पब, स्कूल, कॉलेज आदि बंद होने से सड़कों पर लगभग 20 से 25 फीसदी भीड़ भी कम हुई वहीं, सामान्य जन-जीवन पर भी असर देखा गया। अधिकांश लोग सामान्यत तौर पर अपने दिनचर्या में व्यस्त नजर आए। कोरोनावायरस से बचाव के लिए हर किसी ने मास्क पहनकर भी नहीं निकल रहा है। वहीं, कुछ लोग सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनकर निकल रहे हैं। शहर के मंदिरों में भी शनिवार को अमूमन काफी भीड़ होती है क्योंकि यह शुभ दिन माना जाता है। परंतु कोरोनावायरस संक्रमण के चलते मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की संख्या कम देखी गई। एहतियाती तौर पर मंदिरों के पुजारी विदेशी पर्यटकों को प्रवेश करने अथवा हाथ मिलाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। कई मंदिरों के पुजारी भी मास्क पहने नजर आए।
उधर, पड़ोसी राज्यों को जोडऩे वाला केम्पेगौड़ा बस स्टेशन लगभग सूना रहा। यहां सभी राज्यों की बसें आती हैं। कर्नाटक राज्य पथ परिवहन निगम के सूत्रों के मुताबिक छुट्टियों के दौरान बसों में भीड़ बढ़ जाती हैं। क्योंकि केम्पेगौड़ा बस स्टेशन से कई जगह लोग यात्रा करते हैं। लेकिन, शनिवार को बसें काफी कम यात्रियों के साथ दौड़ती रहीं। यहां तक की बीएमटीसी की बसों में भी यात्रियों की संख्या काफी कम देखी गई। सिटी रेलवे स्टेशन पर भी कुछ ऐसा ही हाल रहा।
डर नहीं पर, बचाव जरूरी
विजयनगर इलाके में काला मास्क पहने एक ऑटो रिक्शा चालक ने कहा कि ‘कोरोनावायरस का मुझे कोई डर नहीं है। लेकिन, मुझे नहीं पता कि कौन इस वायरस से ग्रसित है और कौन नहीं। इसलिए बचाव जरूरी है।Ó शहर में अधिकांश होटल, रेस्टोरेंट आदि खुले नजर आए मगर हाइपर मार्केट, मॉल आदि में ताले लगे हुए थे। यह जांचने के लिए कि सिनेमा के लिए टिकट बुक हो रहे हैं या नहीं कई लोगों ने ऐप के जरिए प्रयास किया मगर टिकट बुक नहीं हो रहे थे। शहर के मशहूर ब्रिगेड रोड पर सप्ताहांत जो भीड़ नजर आती है वह नहीं थी। कुछ दुकानें खुली थीं और कुछ दुकानें बंद रहीं। कुछ मॉल ने 21 मार्च को खुलने का संदेश भी लिखा था।
हम्पी से लौटे पर्यटक
प्रदेश मुख्यालय में पहुंच रही खबरों के मुताबिक एशिया का सबसे बड़ा रामनगर का रेशम बजार वीरान पड़ा है। शहर से लगभग 40 किमी दूर इस बाजार में हर रोज लाखों के कारोबार होते हैं। बड़ी संख्या में कारोबारी यहां कोकून खरीदने हर रोज आते हैं। मगर थोक कारोबारियों की संख्या गिनी-चुनी रह गई है। उधर, गोवा से विश्व विरासत शहर हम्पी आए 50 पर्यटकों को बैरंग वापस लौटना पड़ा क्योंकि अधिकारियों ने उन्हें बिना चिकित्सकीय जांच के प्रवेश की इजाजत नहीं दी।
एपीएमसी में साफ-सफाई की मांग
हालांकि, यशवंपुर स्थित एपीएमसी में आम दिनों के विपरीत शनिवार को अधिक चहल-पहल रही। मॉल और हाइपर मार्केट बंद होने के कारण खुदरा कारोबार में ग्राहकी बढऩे की संभावना है। इसे भांपते हुए फुटकर कारोबारियों ने स्टॉक भरने के लिए खूब खरीदारी की। एपीएमसी में थोक अनाज एवं दाल व्यापारी संघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र लाहोटी ने बताया कि ‘शनिवार को यशवंतपुर बाजार में चहल-पहल आशा के विपरीत रही। लेकिन, यह ऐसा बाजार है जहां अधिक एहतियात बरतने की जरूरत है। यहां देश के कई राज्यों से ट्रक और लॉरियां आती हैं। राज्य के किसान और कारोबारियों का यह प्रमुख केंद्र है। भीड़-भाड़ के कारण संवेदनशील होने के बावजूद गंदगी और साफ-सफाई की यहां उचित व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों गंदगी वाले इलाकों में तत्काल छिड़काव की व्यवस्था करनी चाहिए।’