केंद्र सरकार का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने धोखाधड़ी के खिलाफ जितने सख्त, त्वरित कदम उठाए हैं, उतने पिछली सरकारों ने कभी नहीं उठाए। इससे पहले अपने चुनाव अभियान में राहुल गांधी ने पीएनबी धोखाधड़ी और नीरव मोदी के देश छोडक़र भाग जाने पर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए ‘चौकीदार की चुप्पी’ पर सवाल उठाए थे।
शाह ने इन सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया है। उससे पहले सीबीआई ने भी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। ईडी ने छापेमारी की कार्रवाई करते हुए नीरव मोदी की परिसंपत्तियां और शेयर भी जब्त किए हैं जबकि बैंक अकाउंट जब्त कर लिए गए हैं।
अपनी सरकार के बचाव के साथ ही शाह ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर हमला बोला कहा ‘कर्नाटक सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार और सिद्धरामय्या सरकार एक-दूसरे के पर्याय बन गए हैं।’ उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के खिलाफ सभी मामलों को खत्म किया गया है, उससे दिशाहीन कार्रवाई स्पष्ट नजर आ रही है। वहीं केंद्रीय मंत्री राज्य के भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े के संविधान को खत्म करने वाले बयान पर शाह ने पार्टी का बचाव किया और कहा कि हेगड़े ने माफी मांग ली है। उनके बयान से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। दो दिन के दौरे में अपनी उपलब्धि का बखान करते हुए अमित शाह ने कहा कि जिस प्रकार राज्य में जनता का उत्साह देखने को मिल रहा है उससे यह सुनिश्चित हो गया है कि यहां भाजपा की सरकार बनने जा रही है।
किसानों से पर्याप्त दाल नहीं खरीद रही राज्य सरकार
कलबुर्गी को दाल के कटोरे के उपनाम से जाना जाता है और शाह ने यहां तूर उत्पादक किसानों के मुद्दे पर भी राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से 25 लाख क्विंटल अरहर खरीदी लेकिन राज्य सरकार ने सिर्फ 1.74 लाख क्विंटल खरीद की। अगर राज्य सरकार केंद्र की आधी खरीदती तो भी यहां के किसानों की समस्याएं हल हो जाती। वहीं दालों के आयात पर 35 फीसदी आयात कर लगाकर देश के किसानों को संरक्षण प्रदान करने की मांग पर शाह ने कहा कि अगर राज्य सरकार किसानों से दालों की खरीद बढ़ा दे तो इसकी नौबत ही नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश , गुजरात और छत्तीसगढ़ बिना केंद्र सरकार से सहायता मांगे खुद किसानों से धान की खरीद कर रही है। राज्य सरकार को भी अब केंद्र को प्रस्ताव भेजना बंद करना चाहिए और भाजपा सरकारों की तरह खुद ही तूर की खरीद करनी चाहिए।
टीपू जयंती पर सरकार की आलोचना
अमित शाह ने क्षेत्र के पिछड़े इलाकों में विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रीत करने के बजाय 18 वीं शताब्दी के शासक टीपू सुल्तान की जयंती मनाने पर प्रदेश कांग्रेस सरकार की आलोचना की। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) से आगामी चुनाव में सिद्धरामय्या सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की और कहा कि हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र, हैदराबाद और मुंबई के बीच आता है। यह ऐसी जगह पर स्थित है कि अगर यहां औद्योगिक कोरिडोर बनाया जाए तो इससे क्षेत्र के लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी।
तो रद्द होगा लिंगायत को अलग धर्म का प्रस्ताव
शाह ने कहा कि लिंगायत समुदाय को नापाक इरादों के तहत बांटने की सिद्धरामय्या सरकार की कोशिश से यहां की जनता में आक्रोश है। अगर भाजपा सत्ता में आई, तो वह लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने संबंधी प्रस्ताव को रद्द कर देगी। उन्होंने सिद्धरामय्या सरकार को ‘थ्री डी’ धोखा दादागिरी, और डायनेस्टिक (वंशवादी) राजनीति करने वाला करार दिया। मल्लिकार्जुन खडग़े पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का शासन कैसा होता है, अगर देखना है तो खडग़े साहब के क्षेत्र में जाकर देखना चाहिए। कार्यकर्ताओं से फीडबैक आया है कि जितना पिछड़ापन राज्य के किसी और क्षेत्र में नहीं है, उतना खडग़े साहब के स्वयं के क्षेत्र
में है।
कलाई पर घड़ी भ्रष्टाचार का प्रमाण
राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा किसानों की ऋण माफी के सवाल पर शाह ने कहा कि अगर आगामी चुनावों में भाजपा सत्ता में आती है तो इस संदर्भ में सकारात्मक कदम उठाया जाएगा। भाजपा के भ्रष्टाचार के आरोपों को कांग्रेस द्वारा बेबुनियाद बताए जाने पर शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की कलाई पर लक्जरी घड़ी अपने आप में उनके भ्रष्टाचार का एक बड़ा प्रमाण है।