उन्होंने बुधवार को यहां कहा कि सिद्धरामय्या सरकार के साढ़े चार सालों के शासनकाल में प्रदेश मे कुल 3,718 किसानों ने आत्महत्या की हैं और इस मामले में कर्नाटक देश में अव्वल मुकाम पर है। मनमोहन सिंह सरकार ने दस साल में राज्य को केवल 4,822 करोड़ रुपए की सहायता दी थी जबकि मोदी सरकार ने केवल तीन सालों में ही राज्य को आपदा राहत व सूखा राहत के लिए 5,6 93 करोड़ रुपए जारी किए हैं। लेकिन सिद्धरामय्या सरकार ने लोगों तक यह धन नहीं पहुंचाया।
राज्य में पिछले साढ़े चार सालों में यौन उत्पीडऩ के 3,857 मामले प्रकाश में आए हैं। 800 से अधिक दलित महिलाओं के साथ बलात्कार हुए हैं और कुल 7,523 महिलाओं की हत्याएं हुई हैं। धार्मिक सौहार्द के लिए कांग्रेस ने हाल में पेट भरने के बाद दिल्ली में अनशन किया था लेकिन कांग्रेस के शासनकाल में 254 सांप्रदायिक दंगे हुए हैं।
मतदाता सिखाएंगे कांग्रेस और भाजपा को सबक
तुमकूरु. भाजपा तथा कांग्रेस ने कृषि तथा किसानों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए। ाज्य के मतदाता विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को सबक सिखाएंगे। जनता दल (ध) के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने यह बात कही।
जिले के गुब्बी विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को पार्टी के प्रत्याशी विधायक एसआर श्रीनिवास के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे कुमारस्वामी ने कहा कि कृषि उपज के उचित खरीदी मूल्य के निर्धारण में केंद्र तथा राज्य सरकार विफल रही हैं। कृषि उपज का अगर उत्पादन खर्च से दो गुणा खरीदी मूल्य निर्धारित किया जाए तो किसानों की समस्याएं सुलझ सकती हैं। ऐसे में किसानों को किसी से ऋण लेने की भी आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा कि जनता दल (ध) की सरकार बनते ही वे 24 घंटो में किसानों का 58 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ करने का फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस तथा भाजपा के खिलाफ माहौल होने से सव को गलत साबित करते हुए जनता उनकी पार्टी के पक्ष में स्पष्ट जनादेश देगी।