नारायण हेल्थ सिटी में बोन मैरो प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. सुनील भट्ट ने बताया कि असंबंधित रक्त स्टेम सेल प्रत्यारोपण के संदर्भ में लॉजिस्टिक समर्थन की बहुत आवश्यकता पड़ती है। लॉकडाउन के कारण स्टेम सेल के परिवहन में भी कई स्तर पर दिक्कतें आ रही हैं। प्रत्यारोपण कराने वाले विदेशी मरीज भारतीय दाताओं से स्टेम सेल प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। स्टेम सेल संग्रह में कमी आई है। कोविड-19 से घबराए लोग दान करने से कतरा रहे हैं। इसलिए दाताओं की संख्या में भारी कमी आई है।
डॉ. भट्ट के अनुसार रक्त कैंसर (Blood Cancer) व अन्य रक्त विकार के मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के कारण संक्रमण का खतरा सर्वाधिक रहता है। इन्हें तो नियमित श्वसन वायरस से वैसे ही खतरा रहता है। कोरोना वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। ऐसे मरीज संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। क्योंकि उपचार स्वयं ही प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर देता है। ऐसे उच्च जोखिम वाले मरीजों का प्रबंधन भी चुनौतीपूर्ण है।
डीकेएमएस-बीएमएसटी फाउंडेशन, इंडिया (DKMS BMST Foundation India) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पैट्रिक पॉल का कहना है कि स्टेम सेल दान के लिए दाता आगे भी आते हैं तो उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है। हालांकि अब तक के किसी भी अध्ययन में रक्त दान, बोन मैरो या फिर स्टेम सेल प्रत्यारोपण से कोरोना वायरस संक्रमण की बात साबित नहीं हुई है। बावजूद इसके दान और प्रत्यारोपण प्रक्रिया के दौरान सर्जन हर संभव सावधानी बरत रहे हैं।