बेंगलूरु की काउंसलर डॉ. रूपा राव ने 2,400 लोगों को मुफ्त परामर्श और प्रशिक्षण देकर इस तरह की चुनौतियों का सामना करने में मदद की। उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोग अनिद्रा, चिंता, अवसाद, घबराहट, वर्क फ्रॉम होम के कारण पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे थे। 50 फीसदी से अधिक लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित या अन्य प्रकार के मुद्दों का सामना किया। महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना सभी के लिए एक बड़ी चुनौती थी।
डॉ. राव का कहना है कि चुनौती यह थी कि समस्याएं एक दूसरे से अलग थीं। हर किसी की समस्या उनके लिए अद्वितीय थी। इसलिए, उन्हें सलाह देने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लेना पड़ा।