कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसमें कोविड पॉजिटिव चिकित्सक को उसी अस्पताल में उपचार नसीब नहीं हो सका जिसके लिए वह काम कर रहा था। विभिन्न अस्पतालों व चिकित्सा केंद्रों में चिकित्सकों के लिए बिस्तर आरक्षित करने की जरूरत है। बेंगलूरु में न्यूनतम 50 व हर जिले में 10 बिस्तर आरक्षित होने चाहिए। कोविड से गत वर्ष राज्य में करीब 60 चिकित्सकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। दूसरी लहर के दौरान पांच चिकित्सकों की मौत हो चुकी है।
डॉ. श्रीनिवास ने 28 अप्रेल को बेंगलूरु के दो अस्पतालों को पत्र लिख चिकित्सकों के लिए बिस्तर आरक्षित करने के लिए कहा है।
आइएमए, बेंगलूरु की उपाध्यक्ष डॉ. अनुराधा परमेश ने बताया कि समय पर बिस्तर नहीं मिलने के कारण कुछ चिकित्सकों की मौत हुई है। बीते कुछ सप्ताह के दौरान बेंगलूरु में तीन चिकित्सकों की मौत हुई। इनमें से एक चिकित्सक को बिस्तर के लिए भटकना पड़ा। समय पर बिस्तर व ऑक्सीजन मिलती तो कई स्वास्थ्यकर्मियों को बचाया जा सकता था।
प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एच. एम. प्रसन्ना ने कहा कि निजी अस्पतालों को अपने चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बिस्तर सुनिश्चित करना चाहिए।