चिकित्सकों के अनुसार बचने की संभावना 20 फीसदी से भी कम थी। कोविडजनित निमोनिया और रक्त में ऑक्सीजन स्तर कम होने से तीन बार हार्ट अटैक आया। दिल का दौरा पडऩे के बाद कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और हृदय की मालिश से महिला को उपचार लायक बनाया गया।
महिला करीब 20 दिनों तक जीवन रक्षक प्रणाली पर रही। अस्थमा और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं सहित महिला मोटापे से भी जूझ रही थी। हाल ही में एक सर्जरी भी हुई थी।
एस्टर सीएमआइ अस्पताल में क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश दोरेस्वामी ने बताया कि कोविड के मरीजों में हृदय की समस्याएं भी सामने आ रही हैं। हृदय की मांसपेशियों में सूजन और रक्तवाहिकाओं में रक्त के छोटे-छोटे थक्के इसके प्रमुख कारण हैं।